एससी-एसटी रिजर्वेशन मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद एनडीए में फूट पड़ गई है। कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी में श्रेणी बनाई जा सकती है। क्रिमिलेयर भी तय किया जाना चाहिए। जदयू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है, जबकि चिराग पासवान ने विरोध किया है। कल ही तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी। अब 24 घंटे बाद एनडीए के सहयोगी लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान ने भी विरोध किया है। इस मामले में भाजपा चुप है।
चिराग ने शनिवार को पटना में मीडिया से बात करते हुए एससी-एसटी आरक्षण में श्रेणी बनाने तथा क्रिमिलेयर लागू करने का विरोध किया। कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं और कोर्ट में पुनिर्विचार याचिका दायर करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एससी को दिया गया आरक्षण जाति भेदभाव, समाज में छुआछूत के कारण दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने यह काम बहुत पहले ही किया है। 2008 में ही नीतीश कुमार ने एससी को दो भागों में बांटा-दलित तथा महादलित। महादलितों के लिए विशेष योजनाएं तथा कार्यक्रम बनाए तथा लागू किया। हमारे फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। वहीं इस मामले में अभी तक भाजपा की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है। इससे उसे चुनावी राजनीति में फायदा मिलेगा। दलितों में नए ग्रुप उभरेंगे।
कोर्ट के फैसले पर राजद और लोजपा की सोच एक तरह की है। दोनों ने कोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है। इसका राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना होगा। जीतनराम मांझी के बयान का भी इंतजार किया जा रहा है।