सामान्य प्रशासन विभाग ने अपनी अधिसूचना में यह जानकारी दी है.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष बीएसएसी प्रतियोगिता परीक्षा पर्चा लीक मामले में उन पर सुबूतों से छेड़-छाड़ का आरोप था. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किये जाने की सूचना के बाद से वह फरार थे.
याद रहे कि पिछले वर्ष पर्चा लीक मामले में आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था. अनिल आयोग के अध्यक्ष के ओएसडी के बतौर काम कर रहे थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने कम्पयुटर से कई अहम जानकारियां तब डिलिट कर दी थीं, जब आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ छानबीन चल रही थी.
कई बार उनके घर पर सूचना भेजे जाने के बाद भी जब वह ड्युटी पर नहीं लौटे तो राज्य सरकार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और तब
पटना हाईकोर्ट उन्हें एक मामले में भगोड़ा भी घोषित कर चुका है. IAS अनिल बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी भी थे. उन्हें दो मामलों में सामान्य प्रशासन विभाग कई बार हाजिर होने का आदेश जारी कर चुका है, लेकिन अब तक पता नहीं है.
आईएएस सीके अनिल 1991 बैच के अधिकारी हैं. हालांकि उनके करियर पर नजर रखने वालों को पता है कि अनिल एक सख्त अफसर रहे हैं. वह कई जिलों के डीएम भी रह चुके हैं.