पिछली रात बिहार में एक और पुल बह गया। महीने भर में जनता के टैक्य का हजारों करोड़ पानी में बह गया, लेकिन किसी को सजा नहीं। किसी से वसूली नहीं। राजद ने कहा कि यह लूट और कमीशनवाली सरकार है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के राज में छोटी मछलियां मोटी हो कर व्हेल बन गईं। मालूम हो कि पिछली रात भागलपुर के पीररैंती में पानी के साथ पुल बह गया।
लिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- बिहार के भागलपुर में एक पुल और ध्वस्त हुआ। नीतीश कुमार जी के शासन में भ्रष्टाचार की जड़े जितनी गहरी है पुल के पिलर उतने ही सतही है इसलिए विगत 2-3 महीनों में ही हजारों करोड़ की लागत से निर्मित एवं निर्माणाधीन सैंकड़ों पुल-पुलिया और मेगा ब्रिज भरभराकर गिर चुके है।
मजाल है आपने मुख्यमंत्री का इन गिरते पुलों के भ्रष्टाचार पर कभी कोई बयान सुना हो अथवा उन्होंने बड़ी भ्रष्टाचार रूपी व्हेल मछली पर कभी कोई कारवाई की हो? आख़िर करेंगे भी कैसे? उन छोटी मचलती मछलियों को खिला-पिला कर Whale उन्होंने ही बनाया है।
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बिहार में इतने पुल बह रहे हैं कि लोग अब गिनना भी भूल गए हैं। अखबारों में खबरें छपती हैं, पर लोगों ने इसे अब आम मान लिया है। हालांकि इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास पुरुष वाली छवि को भापी आघात लगा है। पहले तो एनडीए नेताओं ने कहा कि पुल गिरने के पीछे साजिश है। लेकिन उन्होंने साजिश की जांच तक नहीं की और अब तो ये हालत है कि भाजपा-जदयू नेताओं ने पुलों के गिरने पर बोलना ही बंद कर दिया है। अंग्रेजों के जमाने के पुल खड़े हैं, लेकिन नीतीश कुमार के बनाए पुल 10 साल-15 साल में ढह रहे हैं, जबकि पुलों की उम्र सौ साल मानी जाती है। जाहिर है पुलों की क्वालिटी से समझौता किया गया। समझौते के पीछे कमीशनखोरी के अलावा कोई दूसरा कारण नहीं हो सकता।