कांग्रेस, राजद, जदयू, JMM समेत 14 दल पहुंचे Supreme Court
देश उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है। कांग्रेस, राजद, झामुमो सहित देश के 14 प्रमुख दल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इसमें वे दल भी, जो कल तक कांग्रेस के विरोधी थे।
देश के 14 प्रमुख विपक्षी दल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इन दलों में कांग्रेस, राजद, जदयू और झामुमो जैसे दल तो हैं ही, वे दल भी साथ हैं, जो कल तक कांग्रेस के साथ विपक्षी दल की एकजुटता के खिलाफ थे। इन सभी दलों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई, ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। दलों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के जरिये विपक्ष को और लोकतंत्र को समाप्त किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने की अपील करने वाले दलों में कांग्रेस, राजद, जदयू, एनसीपी, शिवसेना, डीएमके, सभी वादम दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही आम आदमी पार्टी तथा तृणमूल कांग्रेस भी शामिल है। इनके अलावा, YSR Congress, भारत राष्ट्र समिति, तेलगु देशम पार्टी, समाजवादी पार्टी, All India United Democratic Front भी संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इन दलों ने साझा याचिका दायर की है।
#BREAKING Fourteen Political Parties led by @INCIndia approach SC against arbitrary use of ED (@dir_ed) & CBI (@cbic_india) in arresting opposition leaders.
— Live Law (@LiveLawIndia) March 24, 2023
Parties include DMK, Rashtriya Janta Dal, Bharat Rashtra Samiti, All India Trinamool Congress and others.#SupremeCourt pic.twitter.com/uEdoKC2XjB
कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए और यूपीए से बाहर के दलों के इस साझा प्रयास को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ी विपक्षी एकता का प्रदर्शन माना जा रहा है। यह एकता कल गुरुवार को भी दिखी थी, जब गुजरात की एक अदालत वे राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। और आज ही इतने विपक्षी दल साझा रूप से सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कल तक गोदी मीडिया कह रहा था कि विपक्षी एकता नहीं है, अव वह शायद ही इस बड़ी एकता पर कुछ कहे।
14 विपक्षी दलों ने साझा याचिका में कहा है कि विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल पिछले कुछ वर्षों में आम हो गया है। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि 2004 से 20014 के बीच सीबीआई ने 72 नेताओं की जांच की, जिसमें 43 विपक्षी दलों के थे, वहीं 2024 के बाद 124 नेताओं के खिलाफ जांच की गई, जिनमें 118 विपक्षी दलों के थे यानी सीबीआई की कार्रवाई 95 प्रतिशत विपक्ष के खिलाफ है।
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