माथापच्ची खत्म, दिल्ली में कांग्रेस-AAP में गठबंधन, भाजपा खेमे में बेचैनी
काफी जद्दोजहद और खीचतान के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन तय कर लिया है. उधर इस गठबंधन से भाजपा खेमे में चिंता बढ़ना लाजिमी है क्योंकि फिलहाल दिल्ली की सात में से सभी सात सीटों पर भाजपा का कब्जा है.
मीडिया की खबरों में बताया गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के महासचिव व दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के साथ AAP सांसद संजय ¨सह ने गठबंधन का मसौदा भी तैयार कर लिया है। अब केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इस पर मुहर लगने का इंतजार है.
जागरण डॉट कॉम कॉम ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस को उसने तीन सीट दी है. दिल्ली में कुल सात लोकसभा सीटें हैं.
AAP के खाते में पूर्वी, उत्तर पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली सीट गई है, जबकि कांग्रेस को नई दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी सीट दी गई है। बताया जाता है कि गठबंधन के मसौदे पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद चाको ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट अब औपचारिक स्वीकृति के लिए केरल से लौटने के बाद राहुल को सौंपी जाएगी।
गौरतलब है कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर लगातार बात चल रही थी लेकिन बात नहीं बन पा रही थी. अनेक बार अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध ट्विट कर कांग्रेस अध्यक्छ राहुल गांधी से गठबंधन की अपील कर रहे थे.
दोनों दलों के गठबंधन के बाद भाजपा की चुनौतियां काफी बढ़ गयी हैं. फिलवक्त दिल्ली की सभी सात सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. 2014 में आप, कांग्रेस और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. इस बार कांग्रेस और आपके गठबंधन बन जाने के कारण भाजपा खेमे में निश्चित तौर पर बेचैनी बढ़ेगी.
राहुल की मुहर लगते ही गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। राहुल के निर्देशानुसार गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी एआइसीसी के स्तर पर नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर शीला और चाको द्वारा ही की जाएगी। सूत्रों की मानें तो यह घोषणा नवरात्रों के दौरान की जा सकती है।