कांग्रेस बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सभी घटक दल एक साथ मजबूती से चुनाव लड़े इसके लिए रणनीति बनाए जाने के पक्ष में है।
कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि महागठबंधन के सभी घटक दल राजद, रालोसपा, हम और वीआईपी एक साथ मिलकर राज्य में अगला विधानसभा चुनाव लड़े। इसके लिए जरूरी है कि सभी घटक दल के नेता व्यक्तिगत हितों को दरकिनार कर महागठबंधन को चुनाव में जीत दिलाए जाने की भावना से काम करें।
श्री गोहिल ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के आदेश के बाद वह फिर से बिहार में कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे।
उधर, लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद हाशिए पर आये महागठबंधन को डॉ. राम मनोहर लोहिया के पुण्यतिथि मनाए जाने के बहाने फिर से नई ताकत के साथ खड़ा किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। महागठबंधन के घटक रालोसपा के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 12 अक्टूबर को समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर पर राजधानी पटना के बापू सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में महागठबंधन में शामिल राजद, रालोसपा, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अलावा अन्य गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दलों को भी बुलाया जाएगा।
रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा प्रयास किया जा रहा है ताकि जितने भी गैर राजग विपक्षी दल हैं सभी एक मंच पर आ सकें। वामदलों को भी इस कार्यक्रम में बुलाए जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि भले ही राजग लोकसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त करने में सफल हो गया हो लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से लोगों में निराशा झलकना शुरू हो गया है।