कांग्रेस के भर्ती विधान से कमजोर हुआ हिंदुत्व, अखिलेश को लाभ
आज प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव के लिए युवा घोषणापत्र जारी किया, जिसे भर्ती विधान नाम दिया गया है। भाजपा का हिंदुत्व हुआ कमजोर। अखिलेश को लाभ।
यूपी में भाजपा बहुत कोशिश कर रही है कि चुनाव हिंदू-मुस्लिम के आधार पर हो। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी खास ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जिसमें चुनाव धर्म के आधार पर हो। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातर जनता के विभिन्न वर्गों के सवाल उठा रहे हैं। 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा कर चुके हैं। इस बीच आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भर्ती विधान जारी किया। इसमें उन्होंने 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है।
भर्ती विधान के तहत नौकरियां देने का पूरा ब्लू प्रिंट कांग्रेस ने पेश किया है। छात्र संघ चुनाव समय से कराने का वादा भी किया है। कांग्रेस के भर्ती विधान से यूपी में भाजपा का हिंदुत्व का एजेंडा और भी कमजोर हो गया है। अब युवा, रोजगार, सरकारी खाली पदों की संख्या, उन पर नियुक्ति ये सवाल भारी हो गया है। पहले से किसानों के सवाल हैं ही। जनता के सवाल चुनाव के केंद्र में आ गए हैं। इससे भाजपा को नुकसान होना तय है।
सवाल है जनता के मुद्दों के केंद्र में आने का लाभ किसे होगा? अखिलेश यादव भी लगातार युवा मतदाताओं पर फोकस कर रहे हैं। कांग्रेस भी लगातार युवा, महिलाओं के मुद्दे उठा रही है। अगर राज्य में हिंदुत्व का एजेंडा कमजोर पड़ेगा, तो तात्कालिक तौर पर इस चुनाव में इसका सर्वाधिक फायदा सपा को होगा। निश्चित रूप से कांग्रेस के प्रति युवाओं का झुकाव बढ़ेगा, जो बाद के दैर में कांग्रेस को फायदा पहुंचाएगा। लेकिन इस चुनाव में इसका ज्यादा फायदा कांग्रेस को होगा। दरअसल वोट देते समय यह विचार भारी रहता है कि कौन जीत रहा है। जहां कांग्रेस मजबूत होगी, निश्चित रूप से उसे फायदा होगा, मगर अधिकतर सीटों पर सपा गठबंधन भाजपा को मुकाबला दे रहा है, इसलिए उसे ही इस युवा माहौल का लाभ भी अधिक मिलेगा।
वैसे आज प्रियंका गांधी ने चुनाव बाद सपा के साथ गठबंधन से इनकार नहीं किया।
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