लोकसभा सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी ने अपनी पार्टी कांग्रेस पर तलाक बिल मामले में मुसलमानों से भयानक धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी ने राज्यसभा में इस बिल की मुखालफत नहीं की तो इस्तीफा देने में वह एक मिनट भी नहीं गवायेंगे.
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उर्दू अखबार फारूकी तंजीम के एडिटर सेराज अनवर को दिये एक्सक्लुसिव इंटर्व्य में मौलाना कासमी ने कहा कि तलाक बिल पर बहस के लिए पार्टी ने उन्हें मौका देने का वाद किया लेकिन ऐन वक्त पर उनके साथ धोखा किया गया और उन्हें बोलने से रोक दिया गया.
मौलाना असरारुल हक कासमी बिहार के किशनगंज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद हैं. वह इस्लाम के विद्वान माने जाते हैं. दारुल उलूम देवबंद से शिक्षा प्राप्त कासमी जमायत उलेमा ए हिंद से भी जुड़े हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा में मुस्लिम महिला मैरेज सुरक्षा यानी तलाक से जुड़े बिल पर उनकी चुप्पी से देश के मुसलमानों में उनके खिलाफ भारी नाराजगी हुई और यहां तक कि जनता दल राष्ट्रवादी के नेशनल कंवेनर अशफाक रहमान ने उन्हें बेजमीर तक कह डाला.
तलाक बिल को कांग्रेस ने केंद्र सरकार की हिमायत की जिसके चलते यह बिल लोकसभा से पास हो गया. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाना है. राज्यसभा में कांग्रेस के 57 सदस्य हैं जबकि भाजपा के भी इतने सदस्य हैं.
मौलान कासमी ने सेराज अनवर से कहा कि तलाक पर प्रस्तावित कानून महिलाओं के हक के खिलाफ है, शरियत के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अगर राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो इस पार्टी में उनका आखिरी दिन होगा और वह लोकसभा से भी इस्तीफा देने में देर नहीं करेंगे.
मौलाना कासमी ने कहा कि लोकसभा में बहस के लिए उनका नाम लिस्ट में दर्ज कर रखा था पर बहस के ऐन पहले उनका नाम हटा कर कांग्रेस ने उन्हें बहुत बड़ा धोखा दिया. संसद में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें सूचना दी कि इस मुद्दे पर उन्हें नहीं बोलना है.