यूपी में साथ लड़ने का कांग्रेसी प्रस्ताव मायावती ने ठुकराया था, क्यों
सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने सपा प्रमुख मायावती को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा था, पर मायावती ने ठुकरा दिया। राहुल ने बताई वजह।
आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती से यूपी में साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा था, पर उन्होंने हमारा प्रस्ताव ठुकरा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस मे बसपा प्रमुख को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का भी प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस प्रस्ताव पर मायावती ने कोई जवाब ही नहीं दिया।
बसपा प्रमुख मायावती ने प्रस्ताव क्यों ठुकराया, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि इसकी वजह सीबीआई, ईडी तथा पेगासस है। राहुल गांधी ने कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक-द दलित ट्रूथ के वमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिन दलितों की आवाज़ काशीराम जी बने, अपना खून पसीना देकर उनकी लड़ाई लड़ी, ED, CBI, PEGASUS के चलते मायावती जी ने उनकी लड़ाई लड़ने और चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया..।
मालूम हो कि यूपी चुनाव में कांग्रेस केवल दो सीट जीत सकी और बसपा एक सीट पर ही विजयी हो सकी। राहुल गांधी के बयान को रणनीतिक बयान माना जा रहा हैक्योंकि बसपा का अपना सामाजिक आधार बेहद निराश है। मायावती के समर्थकों का एक हिस्सा भी मान रहा है कि मायावती ढंग से चुनाव मैदान में नहीं उतरीं। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस दलितों के बीच निराशा को देखते हुए कोई नई पहल करने जा रही है, जिससे दलितों को कांग्रेस की तरफ लाया जा सके।
कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के इतने बड़े बयान के बाद भी अब तक बसपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब देखना है कि बसपा कोई जवाब देती है या चुप रह जाती है, लेकिन कांग्रेस के इस खुलासे के बाद तय है कि बसपा समर्थक इसका जवाब चाहेंगे कि मायावती ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की पेशकश को क्यों ठकरा दिया।
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