कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा तीन तालाक पर लाये गए बिल के खिलाफ सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए 3 लाइन का व्हिप जारी किया है. वहीं आज शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है, ऐसे में तीन तलाक बिल लटकता नजर आ रहा है. इस बिल में पति को 3 साल की सजा समेत कुछ अन्य प्रोविजन का विरोध कर रही कांग्रेस समेत 18 पार्टियां इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग पर अड़ी हैं, जिससे सरकार ने मानने से इंकार दिया है.
नौकरशाही डेस्क
गुरूवार को भी राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. कल सदन में दौरान स्मृति ईरानी और डेरेक ओ’ ब्रायन के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई और डेरेक ने कहा कि विपक्ष महिलाओं को सशक्त करना चाहता है. मगर सरकार ऐसा नहीं चाहती. इसलिए वह बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास नहीं भेज रही है. इससे सरकार की पोल खुल गई है. इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि अगर आप वाकई महिलाओं को सशक्त करना चाहते हैं, तो इस पर बहस करिए. बाद में सदन को स्थगित कर दिया गया.
अगर आज भी गतिरोध जारी रहा तो बिल के लटकने के आसार हैं. कांग्रेस का कहना है कि वह सरकार की मदद करना चाहते हैं, लेकिन उनकी बात भी मानी जाए. उधर, कांग्रेस को एनडीए की सहयोगी और आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी भी शामिल है. तो क कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए इस विधेयक को जल्दी पारित कराने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और लोकसभा में इस विधेयक के पारित होने के बाद भी ऐसी घटनाएं समाज में हो रही हैं. उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर रोक के लिए कानून की खातिर कोर्ट ने छह महीने का समय दिया है जो फरवरी में पूरा हो जाएगा. कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए सरकार ने आरोप लगाया कि विपक्ष जानबूझ कर विधेयक को अवरूद्ध करने की कोशिश कर रहा है.