कोरोना घोटाला : न्यायिक या सर्वदलीय जांच से ही सच आएगा सामने
घोटाले की जांच के दायरे में टेस्ट, क्वारंटाइन सेंटर भी होने चाहिए। सवाल है जांच करेगा कौन? जिस पर आरोप है, क्या वही जांच करेगा या कोई तीसरी एजेंसी?
कुमार अनिल
आज राज्यसभा में राजद के मनोज झा ने बिहार में कोरोना घोटाले का मामला उठाया। उपराष्ट्रपति ने तुरत ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से जांच करने को कहा। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने भी एक टीवी से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मामले की जांच का आदेश दिया है। सवाल यह है कि क्या जिस विभाग पर घोटाले का आरोप है, अगर जांच का जिम्मा भी उसी के पास होगा, तो सच सामने आ पाएगा?
न्याय का तकाजा यही है कि जिस विभाग में घोटाला हुआ, उसकी जांच टीम में उस विभाग का कोई अधिकारी न हो। जनता का जांच पर भरोसा कायम हो, इसके लिए भी यह जरूरी है। पहले भी ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब किसी घोटाले, उत्पीड़न के बड़े मामले आने पर सरकार ने न्यायिक जांच या सर्वदलीय जांच के आदेश दिए हैं।
बड़े आपराधिक मामलों में कई बार खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय एजेंसी से जांच का आदेश दिया है। क्या वे कोरोना मामले में ऐसा करेंगे?
कोरोना घोटाला : संसद में मनोज झा ने दिखाई ताकत, होगी जांच
कोरोना घोटाला कितना बड़ा घोटाला है, इसका ठीक-ठीक अंदाज करना अभी मुश्किल है। क्वारंटाइन सेंटर में कितने लोगों की व्यवस्था थी, कितने लोग ठहरे, क्या उन्हें सभी सुविधाएं दी गईं, जिनका सरकारी प्रावधान था? एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार करीब 15 लाख 33 हजार लोग विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों में रहे। तब ऐसी अनेक खबरें अखबारों में प्रकाशित हुई थीं, जिनमें बताया गया था कि क्वारंटाइन सेंटर से लोग भाग खड़े हुए, क्योंकि वहां जरूरी सुविधाएं नहीं थीं।
तेजस्वी की बात निकली सच, हुआ था कोरोना घोटाला
इसी तरह नए अस्थाई अस्पताल बने, स्थाई अस्पतालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया गया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मशीनों में खरीद के मामले में पारदर्शिता न रहने का मामला विधानसभा में उठाया था। उन्होंने जनता के पैसे की लूट का आरोप लगाया था। लेकिन इस पर सरकार गंभीर नहीं हुई।
राज्य की छवि, खुद मुख्यमंत्री की छवि के लिए यह जरूरी होगा कि वे मामले की न्यायिक या सर्वदलीय जांच कराएं। मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि वे भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे। अब चुनौती उनके सामने हैं।
चित्तरंजन गगन ने कहा सरकार कराए सर्वदलीय जांच
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि चूंकि कोरोना घोटाला का मामला संसद में उठ गया है और राज्यसभा में उपराष्ट्रपति ने जांच का आदेश दे दिया है, उसके बाद न्याय का तकाजा है कि इस घोटाले की जांच सर्वदलीय कमेटी करे। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में घोटाले की आशंका जताई थी। उन्होंने सर्वदलीय बैठक में भी सरकार से मांग की थी कि कोरोना से निबटने के लिए की जा रही तैयारी की मानिटरिंग के लिए सर्वदलीय कमेटी बननी चाहिए। अगर सरकार ने तब विपक्ष की बात मान ली होती, तो आज यह घोटाला नहीं होता।
प्रत्यय अमृत की भूमिका पर क्या बोले राजद नेता
इस बीच राजद नेता तनवीर हसन ने कहा कि सरकार के जो अधिकारी सक्षम कहे जाते हैं, उनकी ठीक से जांच हो, तो सभी भ्र्ष्टाचार में आकंठ डूबे नजर आएंगे। उन्होंने स्वास्थ्य के साथ ही शिक्षा विभाग की भी ठीक से जांच करने की मांग की।