कोरोना जांच हेराफेरी: तेजस्वी के ‘अमृत मंथन’ के निशाने पर कौन
नौकरशाही डॉट कॉम डेस्क
गत जुलाई में कोरोना पर मचे कोहराम के दौरान होने वाली कम जांच से आलोचना झेल रही नीतीश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की कमान सौंपी थी. प्रत्यय अमृत के पद संभालते ही मानो कोरोना जांच की संख्या पाताल से आकाश में पहुंच गयी. जहां प्रति दिन दस हजार जांच हो रही थी वह संख्या प्रति दिन एक लाख के पार पहुंच गयी.
लेकिन गत दिनों इंडियन एक्सप्रेस ने अपने इंवेस्टिगेटिव स्टोरी में खुलासा किया है कि जांच की संख्या में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई. रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि जिस व्यक्ति की कोरोना जांच नहीं हुई उसका फोन नम्बर भी जांच किये जा चुके लोगों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया था. यहां तक की अखबार ने एक ऐसे व्यक्ति का भी पता लगाया है जिसकी जांच हो हो चुकी बतायी गयी है और उस सूची में उसका फोन नम्बर 000000000 दिखाया गया है.
अंग्रेजी अखबार द्वारा इस स्टोरी के प्रकाशित करने के बाद विपक्ष आक्रामक हो गया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है कि इन्होंने ( Nitish Kumar) अधिकारी बदल Anti-gen का वो “अमृत” मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हज़ार से 1 लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया।
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यहां याद रहे कि जांच की संख्या अचानक तब बढ़ी थी जब उदय सिंह कुमावत की जगह पर प्रत्यय अमृत को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था.
हाल ही में प्रत्यय अमृत, के ऊपर रुपेश सिंह हत्या मामले के दौान में पप्पू यादव ने टिप्पणी की थी. तब पप्पू यादव ने कहा था कि वरिष्ठ आइएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत पर सवाल खड़े करते हुए पप्पू यादव ने कहा था कि प्रत्यय अमृत ने सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर पांच महिलाओं को विदेश भेजा। क्या सरकार के पास कोई कुबेर का खजाना है, जिस कारण जनता के पैसों को बर्बाद किया गया। विदेश जाने वाली पांच महिलाओं में से एक अंजलि आनंद की मौत एक वर्ष पूर्व हुई, जिसे आत्महत्या कहा गया था, लेकिन उसकी कभी जांच नहीं हुई और बिना पंचनामे के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौत की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि रुपेश की हत्या के राज को खोलने के लिए परत-दर-परत जांच होनी जरूरी है।
सबसे पहले प्रत्यय अमृत उस वक्त सुर्खियों में आए, जब उन्हें पुल निर्माण निगम का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। यहां उन्होंने कई प्रयोग किए, बार-बार इन कार्यों से जुड़े लोगों से बात करके पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया। सड़कों का जाल बिछाने में इनकी खास भूमिका रही। तब इंडिया टुडे ने लिखा था-प्रत्यय अमृत, जिन्होंने बिहार की सफलता की सड़क बनाई। लगातार इनोवेटिव तरीके से कार्य करने के कारण इन्हें पीएम अवार्ड फॊर एक्सेलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का सम्मान मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्लोबल सम्मिट में भी इनकी सराहना की।
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हालांकि कई बार विवादों में भी रहे। राजद के एक विधायक के साथ इनकी हुई बातचीत वायरल हुई थी, जिसमें वे कह रहे हैं कि जल्दी बोलिए, मेरे पास समय नहीं है। जाहिर है प्रत्यय अमृत प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण उन अधिकारियों में हैं, जिन पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भरोसा करते हैं।