Delhi High Court ने कन्हैयाक कुमार और उमर खालिद समेत दस छात्र नेताओं पर लगे chargesheet को अस्वीकार कर दिया है. इस मामले में Delhi Police को अपमानजक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है.Delhi High Court ने Delhi Police को जोरदार फटकार लगाया क्योंकि chargesheet के लिए उसने दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं ली थी.
Delhi High Court ने कन्हैयाक कुमार और उमर खालिद समेत दस छात्र नेताओं पर लगे chargesheet को अस्वीकार कर दिया है. इस मामले में Delhi Police को अपमानजक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है.
Delhi High Court ने Delhi Police को जोरदार फटकार लगाया क्योंकि chargesheet के लिए उसने दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं ली थी.
अदालत ने अनुमति लिए chargesheet दायर करने पर सवाल खड़े किए.
सरकार से chargesheet की नहीं ली थी अनुमति
इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘आपके पास लीगल डिपार्टमेंट की मंजूरी नहीं है. आपने सरकार की अनुमति के बिना चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी.’ इस पर दिल्ली पुलिस ने बताया कि 10 दिन के अंदर दिल्ली सरकार से चार्जशीट के लिए ज़रूरी मंजूरी मिल जाएगी.
गौरतलब है कि देशद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता.
दरअसल दिल्ली पुलिस ने यहां पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 1200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल करते हुए कहा कि वह परिसर में एक कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे और उन पर फरवरी 2016 में यूनिवर्सिटी कैंपस में देश विरोधी नारों का समर्थन करने का आरोप है.
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पुलिस ने कोर्ट के सामने दावा किया था कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार ने सरकार के खिलाफ नफरत और असंतोष भड़काने के लिए 2016 में भारत विरोधी नारे लगाए थे.
याद रहे कि इस मामले में तीन साल के बाद दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. जबकि दिल्ली पुलिस पर इसको ले कर काफी आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था क्योंकि उसे सुबूत जुटाने में तीन साल लग गये.
पुलिस ने आरोपपत्र में कई गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा है कि नौ फरवरी 2016 को यूनिवर्सिटी कैंपस में कन्हैया प्रदर्शनकारियों के साथ चल रहे थे और काफी संख्या में अज्ञात लोग नारेबाजी कर रहे थे.
गौरतलब है कि संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को दी गई फांसी की बरसी पर कैंपस में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के बारे में कहा कि उन्होंने भारत विरोधी नारे लगाए थे. आरोपपत्र में कहा गया है कि कई वीडियो में उमर खालिद को नारे लगाते देखा गया है, जिससे उसकी मौजूदगी की पुष्टि हुई है.