कोर्ट : क्या तरीका है, जब आजम खान को बेल मिला, तब नया केस

कोर्ट : क्या तरीका है, जब आजम खान को बेल मिला, तब नया केस

आज सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह क्या तरीका है, जब उन्हें जमानत मिलती है, तब एक नया केस हो जाता है।

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह क्या तरीका है, जब आजम खान को बेल मिलती है, तभी उन पर एक नया केस हो जाता है। उन्हें जेल से निकलने ही नहीं दिया जाता है। अब तक उन पर 89 केस दर्ज हो चुके हैं। कोई व्यक्ति 89 मामलों में संलग्न कैसे हो सकता है। आजम पिछले दो साल से यूपी के जेल में बंद हैं।

भाजपा शासित राज्यों में यह एक पैटर्न के रूप में देखा जा सकता है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया। जिग्नेश मेवानी को एक मामले में असम पुलिस गुजरात से गिरफ्तार करके ले गई। जब उन्हें बेल मिला, तो असम पुलिस ने तुरत एक दूसरा केस कर दिया कि जिग्नेश ने महिला पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया है। इस केस के बाद कोर्ट ने असम पुलिस को फटकार लगाई थी। यूपी में डॉ. कफील के साथ भी ऐसा हुआ। उन्हें जब जमानत मिलती, तब एक नया केस कर दिया जाता। उन्हें भी काफी समय तक जेल में रहना पड़ा था।

आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगता है यह एक पैटर्न बन गया है कि जब भी जमानत मिलती है, तो नया केस करके फिर से जेल में बंद कर दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वह आजम खान की उस याचिका में अपना पक्ष रखे, जिसमें जमीन कब्जे के एक केस में जमानत याचिका पर सुनवाई में जानबूझ कर देरी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-यह क्या तरीका है, उन्हें बाहर क्यों नहीं निकलने दिया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह भी कहा कि आजम दो साल से जेल में हैं। वे एक-दो मामलों में संलग्न हो सकते हैं, लेकिन 89 मामलों में संलग्न नहीं हो सकते हैं। कोर्ट में अगली सुनवाई मंगलवार को हागी।

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