उप्र में भाजपा का आंतरिक संकट चरम पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आलाकमान ने दिल्ली तलब किया है। उनकी कुर्सी रहेगी या जाएगी, इस पर चर्चा तेज है। इधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जो लोग सपा छोड़ कर भाजपा में गए हैं, उन्हें किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा। कहा कि जो नेता ऐसे लोगों को पार्टी में वापस लेने की पैरवी करेंगे, उन्हें ही पार्टी से निकाल दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने पल्लवी पटेल को राहत दे दी। कहा कि उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए हम प्रयास नहीं करेंगे। मालूम हो कि पल्लवी पटेल सपा से विधानसभा चुनाव जीती थीं, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने असददुद्दीन ओवैसी के साथ मिल कर कई सीटों पर चुनाव लड़ा। अखिलेश यादव ने पल्लवी पटेल के बारे में कहा कि वे पीडीए परिवार की सदस्य हैं, इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए पार्टी आवेदन नहीं देगी।
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यमुना ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स पौधारोपण, व्याख्यान
उधर भाजपा के भीतर की लड़ाई चरम पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाए जाने से कयासों का दौर तेज हो गया है। केशव प्रसाद मौर्य भी लगातार दिल्ली के संपर्क में हैं। उनके तथा मुख्यमंत्री योगी के बीच का झगड़ा अब किसी से छुपा नहीं है। दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने एक घोषणा की। कहा कि राज्य पुलिस में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। इस बीच राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों का तबादला भी किया जा रहा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रशासन पर अपनी पकड़ मजबूत बना रहे हैं। वे खुद भी पार्टी विधायकों से मिलते रहे हैं। भाजपा के भीतर की लड़ाई राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गई है। सपा इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सबको लग रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा बदलाव होगा।