बिहार में दलित CM की पहल से भाजपा की सांस फूली
बिहार में दलित CM की पहल से भाजपा की सांस फूली। तेजस्वी ने चल दिया दांव। भाजपा नेता एनडीए नेताओं को मनाने के लिए दौड़ रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग होकर भाजपा के साझ जाने के फैसले के बाद राजद खेमा ने आसी चाल चल दी कि भाजपा के नेता परेशान हो उठे। खबर है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने एनडीए के घटक जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकदमी कर दी है। मांझी की पार्टी हम (से) के चार विधायक हैं। अगर वे तैयार हो जाते हैं, तो राजद गठबंधन को सिर्फ चार विधायकों की जरूरत होगी। सवाल है कि क्या ये चार विधायक राजद खेमा तोड़ पाएगा।
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— naukarshahi.com (@naukarshahi) January 27, 2024
क्या आखिर-आखिर तक तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार की योजना पर पानी फेर सकते हैं ? #BiharPolitics#NitishKumar#TejashwiYadav #INDIAAlliance
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जैसे ही भाजपा खेमे को जानकारी मिली की उनके घटक जीतनराम मांझी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के संपर्क में हैं और मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया गया, उसके बाद भाजपा की सांस फूलने लगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भागते हुए जीतनराम मांझी के घर पहुंचे। उन्हें मनाने की कोशिश की गई। हालांकि अभी भी उनके अगले कदम की प्रतीक्षा की जा रही है।
नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग हो फिर से भाजपा के साथ जाने के निर्णय के बाद उनके कई पुराने वीडियो वायरल हैं। एक वीडियो में नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वे मर जाना पसंदकरेंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की तरफ इशारा करते हुए यह भी कह रहे हैं कि बताइए, इनके पिताजी को झूठे केस में फंसा दिया। इसी के साथ प्रदेश ही नहीं, देश में भर में पलटू राम शब्द चर्चित हो गया है। जाहिर है नीतीश कुमार के फिर से पलटने को आम जनता ने कुर्सी मोह माना है। इसे अच्छा नहीं माना है।
मिल रही खबरों के अनुसार नीतीश कुमार के एक बार फिर से पलटने के निर्णय के बाद राजद खेमा ने हार नहीं मानी है। अभी भी खेल बचा हुआ है और भाजपा इससे भयभीत है। विधानसाभा अध्यक्ष भी राजद के हैं। विधानसभा के पटल पर भी उलट-पुलट हो सकता है।
पहला तीर खाली गया तो विधानसभा में खेला कर सकते हैं लालू