Dalit Convert to Islam: तमिलनाडु के 3 हजार दलित क्यों अपनाने जा रहे हैं इस्लाम?
कोयम्बटूर के मेटुपोतोबोम के 3000 Dalit दलितों ने Islam इस्लाम अपनाने का ऐलान किया है. इन दलितों ने अपने साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव व छुआछूत के कारण यह फैसला किया है.
इस क्षेत्र के सैकड़ों दलितों ने दिसम्बर से ले कर अब तक इस्लाम धर्म पहले ही अपना चुके हैं.,
तमिल पुलिगल कच्ची के राज्य सचिव इल्लावेनिल ने इंडिया टुडे को बताया है कि 430 लोगों ने वैधानिक तरीके से इस्लाम स्वीकार कर लिया है और अभी सैकड़ों लोग इस्लाम अपनाने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं.
दर असल इन दलितों में धर्म परिवर्तन की भावना तब और तीव्र हो गयी जब गत 3 दिसम्बर को उनके घरों को घेरने वाली दीवार भारी बारिश के कारण गिर गयी और इस घटना में 17 दलितों की मौत हो गयी. उनका कहना है कि उच्च जाति के लोगों ने उनसे भेदभाव के कारण उनके घरों के आगे दीवार बना रखी थी.
इस्लाम( Islam) और मजहबी रवादारी
मार्कस नाम के युवक ने इस्लाम कुबूल कर लिया है. उन्होने अपना नाम मोहम्मद अबुबकर रख लिया है. उन्होंने कहा कि हमने इस्लाम अपना लिया है क्योंकि हमारे साथ भेदभाव और छुआछूत किया जाता था. ऐसा इसलिए कि हमें मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता था. हम उनके साथ बैठने के अधिकार से वंचित थे. सरकारी बसों में हम उनके साथ यात्रा नहीं कर सकते थे.
अबुबकर ने कहा कि हम अपनी पहचान छोडना चाहते थे क्योंकि हमारी पहचान ही हमारे साथ भेदभाव का असल कारण था. हम तब तक अपने सम्मान के साथ नहीं जी सकते जब तक हम अपनी पुरानी पहचान से बाहर न आ जायें. अबुबकर ने इंड़िया टुडे को बताया.
इसी तरह एक दूसरे युवक शरद कुमार हैं जिन्होंने धर्म परिवर्तन के बाद अपना नाम अब्दुल्लाह रख लिया है. अब्दुल्लाह ने बताया कि हमारे 17 लोगों की जान चली गयी. लेकिन किसी हिंदू ने हमारे साथ सहानुभूति नहीं दिखाई. लेकिन मुस्लिम भाइयों ने अपने घरों में हमें शरण दिया. हिंदू कहां हैं. दलित रहते हुए हम ना तो मंदिरों में जा सकते थे और न ही मस्जिद में. लेकिन जैसे ही हमने अपना धर्म बदल लिया अब हम किसी भी मस्जिद में जा कर इबादत कर सकते हैं.