राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव रमेश कुमार गंटा की अगुवाई में केन्द्रीय दल ने करीब तीन पखवाड़े पूर्व दरभंगा जिले में आये बाढ़ से प्रभावित हुए अंचलों का भ्रमण कर क्षति का जायजा लिया।
केन्द्रीय दल में कुल आठ अधिकारी शामिल थे जो तीन अलग-अलग टीमों में बंट कर जिला के बाढ़ प्रभावित अंचलों का भ्रमण कर स्थानीय लोगों से पूछ-ताछ की और क्षति का आकलन किया। संयुक्त सचिव श्री गंटा एवं अन्य अधिकारी की टीम के साथ दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर लोगों से जानकारी ली। पहली टीम ने अलीनगर, तारडीह एवं मनीगाछी अंचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर प्रभावितों से गृहक्षति, फसल क्षति, बाढ़ से मानव एवं मवेशियों की मौत के बारे में सूचना हासिल की। केन्द्रीय टीम ने बाढ़ आपदा के समय जिला प्रशासन से मिली मदद को लेकर भी प्रभावित लोगों से बातचीत की।
चावल विकास मंत्रालय के निदेशक विरेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में दूसरी टीम ने जिले के बिरौल एवं घनश्यामपुर अंचलों के बाढ़ प्रभावित पंचायतों में टूटे हुए बाँध, सड़क एवं क्षतिग्रस्त घरों का जायजा लिया। इस दल ने कुम्हरौल, एवं घनश्यामपुर में ध्वस्त बांध को देखा। वहां से बुढे़व कमला पछवरिया तटबंध के रास्ता को देखा। राजकीय उच्च पथ -17 से सोनपुर मटेरिया और परसरमा और हासोपुर के ध्वस्त सड़कों का निरीक्षण किया।
वहीं, तीसरी टीम ने जिले के सिंहवाड़ा और हनुमानगर अंचल के बाढ़ प्रभावित पंचायतों में भ्रमण कर बाढ़ से क्षतिग्रस्त घर, मकान एवं सड़क आदि का जायजा लिया। पीड़ित लोगों से सरकारी सहायता के बारे में भी पूछ-ताछ की।
केन्द्रीय दल में श्री गंटा के अलावा मुकेश कुमार सिंह (निदेशक जल शक्ति मंत्रालय) , भारतेन्दु कुमार सिंह निदेशक, एफ.सी.डी. (वित्त मंत्रालय), विरेन्द्र कुमार सिंह (निदेशक, चावल विकास मंत्रालय) , आर.पी. सिंह (मुख्य अभियंता, भू-तल एवं परिवहन मंत्रालय) एच.के. मीणा ( उप निदेशक, ग्रामीण विकास मंत्रालय) , एम. रामचन्द्रडू (अपर सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार) और लव कुश कुमार सिंह ( उप निदेशक, ऊर्जा मंत्रालय ) शामिल थे।
गौरतलब है कि 14 जुलाई 2019 को दरभंगा जिले में फ्लैश फ्लड से कमला बलान एवं बागमती तटबंध कई जगहों पर टूट गये थे, जिस कारण जिले के कई अंचल बाढ़ से प्रभावित हुए थे।