कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा कि आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से यह साफ़ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन द्वारा भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने के मामले में देश को गुमराह किया है. वहीं जानकारों के अनुसार चीन न सिर्फ भारत की भूमि में घुसा है बल्कि अभी भी घुसा हुआ है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन विवाद पर आखिरकार मान लिया है की चीन लदाख में 38000 Sq Km ज़मीन पर कब्ज़ा किये हुए है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोक सभा में भारत-चीन विवाद पर ताज़ा हालात पर बयान देते हुए कहा कि “जैसा कि यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 square km भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित Boundary-Agreement के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 square km भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है”.

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बता दें की कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्वीट कर कहा कि रक्षामंत्री के बयान से साफ़ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया। हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे?
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चीन का नाम लेने से डरना नहीं चाहिए।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएमओ के ट्विटर हैंडल पर 19 जून को अपने ट्वीट कर दवा किया था कि “पूर्वी लद्दाख में जो हुआ, इसको लेकर आपने रक्षा मंत्री जी और विदेश मंत्री जी को सुना भी और Presentation को भी देखा । न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है”. प्रधानमंत्री ने अपने टीवी सम्बोधन में भी यही बात कही थी.

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आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लोक सभा में भारत-चीन के बीच LAC (Line of Actual Control) पर बढ़ते विवाद के बीच ताज़ा बयान पर देश की राजनीति गरमा गयी है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी अतिक्रमण पर देश को गुमराह किया है.

रक्षा मंत्री ने लोक सभा में कहा कि अप्रैल माह से Eastern Ladakh की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके armaments में वृद्धि देखी गई. मई महीने की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी troops के normal, traditional patrolling pattern में व्यवधान शुरू किया जिसके कारण face-off की स्तिथि उत्पन्न हुई.

इस सहमति के violation में चीन द्वारा एक violent face off की स्थिति 15 जून को गलवान में create की गई। हमारे बहादुर सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे. LAC पर friction बढ़ता हुआ देख कर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की। इस बात पर सहमति बनी कि reciprocal actions के द्वारा disengagement किया जाए। दोनो पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि LAC को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे status-quo बदले।

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक India-China के border areas में commonly delineated Line of Actual Control (LAC) नहीं है और LAC को लेकर दोनों का perception अलग-अलग है. चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी armed forces ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त counter deployments किए हैं ताकि भारत के security interests पूरी तरह सुरक्षित रहे.

याद दिला दें कि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भारत और चीन के मध्य सीमा पर तनाव (India-China Border Tension) के बीच 11 सितम्बर को ट्वीट कर कहा था कि “चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया. भारत सरकार इसे वापस हासिल करने की योजना बना रही है? या फिर इसे भी एक “दैवीय घटना बताकर छोड़ा जा रहा है.” राहुल गांधी जून महीने से ही लगातार चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं.

By Editor


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