दिल्ली के एक अनाथालय ने हिजाब पहनने वाली एक प्रतिभाशाली युवती को इसलिए नौकरी नहीं दी क्योंकि उसके अनुसार वह एक किलोमीटर की दूरी से ही मुस्लिम नजर आती है.
अनाथालय के सीईओ ने बजाब्ता इस बात का उल्लेख अपने मेल में किया है. सीईओ हरीश वर्मा ने नेदाल नामक युवती को ईमेल में संबोधित करते हुए लिखा है कि उन्हें ऐसी युवती की जरूरत थी जो बेहतरीन इंग्लिश लिख सकती हो और तुममें यह क्षमता है.इसके बावजूद वह उसे इस नौकरी पर नहीं रख सकते क्योंकि उनका संस्थान धर्ममुक्त है.
पत्र मे लिखा गया है कि मुस्लिम युवती को सिर्फ इस वजह से नौकरी नहीं दी जा सकती क्योंकि वह वेशभूषा से मुसलमान लगती है और हिजाब पहनती है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मुस्लिम युवती का नाम नदेल जोया है जो बिहार की रहने वाली हैं। नदेल ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस से सोशल वर्क की पढ़ाई की है।
जोया ने पिछले महीने अक्टूबर में दिल्ली के कोटला मुबारकपुर स्थित एक अनाथालय में नौकरी के लिये आवेदन किया था, जिसके बाद अनाथालय ने जोया को ऑनलाईन तस्वीरें भेजने और परीक्षा देने के लिये कहा था, फिर संगठन ने जोया का आवेदन अस्वीकार कर दिया, अनाथालय के अध्यक्ष हरीश वर्मा ने जोया के आवेदन को निरस्त करने के पीछे तर्क दिया कि संस्था ‘धर्म मुक्त’ है।
हरीश वर्मा ने जोया को सूचित करते हुए एक ईमेल किया जिसमे उसने लिखा कि जोया को एक किलो मीटर की दूरी से भी पहचाना जा सकता है कि क्योंकि वह मुस्लिम दिखती हैं, हरीश ने कहा कि मुस्लिम दिखने की वजह से वे इस नौकरी के लिये सही नही हैं। इस पर आवेदनकर्ता जोया ने कहा कि हिजाब पहना उसके लिये प्राथमिकता है और यह उसका अधिकार भी है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीते मंगलवार को अनाथालय के अध्यक्ष और सीईओ का एक और मेल आया जिसमें उसने कहा कि, “मुझे मालूम था कि रूढ़िवादी इस्लाम आपकी प्राथमिकता है “मानवता’नहीं! हरीश वर्मा ने आगे लिखा है कि, “आपकी हायर एजूकेशन बेकार चली गई!” हरीश वर्मा ने आगे बताया कि उसने एक धर्म मुक्त मानसिकता वाली और माडर्न विचार वाली मुस्लिम लड़की को नौकरी पर रख लिया है।