कुंभ स्नान के लिए आ रहे 18 श्रद्धालुओं की दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ में मौत हो गई है। केंद्र सरकार अपनी गलती मानने के बदले लीपापोती में लग गई है। पत्राकरों को धमकी दी जा रही है। आश्चर्य तो ये है कि सरकार के मंत्री जिम्मेदारी तय करने, मामले की जांच करने, लोगों की सहायता करने के बदले मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। इधर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि यह भगदड़ में मौत नहीं, जनसंहार है।
बिहार से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और चिराग पासवान ने ट्वीट करके मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने यह नहीं बताया कि मृतकों या घायलों में कितने बिहार के हैं और वे किस प्रकार परिजनों की मदद कर रहे हैं। मंत्रियों ने रेलवे के इंतजाम पर भी कोई सवाल नहीं है। वे तो वीआईपी इंतजाम में संगम स्नान करके अपने फोटो सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं। चिराग पासवान ने कल ही ऐसे फोटो शेयर किए हैं। जबकि आम श्रद्धालुओं की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को दोपहर प्रेस वार्ता करके कहा कि इस भगदड़ के लिए रेलवे री बदइंतजामी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह भगदड़ में मौत नहीं, सरकार द्वारा प्रायोजित जनसंहार है। उन्होंने कहा कि रेलवे को मालूम था कि हर घंटे प्रायगराज के लिए 15 सौ टिकट कट रहे हैं। इसके बावजूद रेलवे नो कोई विशेष इंतजाम नहीं किया। फिर अचानक प्लेटफार्म बदलने की घोषणा की गई, जिसके बाद भगदड़ हुई। जब पहले से मालूम था कि हजारों की संख्या में लोग दूसरे प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे हैं, तो प्लेटफार्म क्यों बदला गया।
इधर रेलवे कुभं में हादसे की तरह यहां भी सच्चाई छुपाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है। कई पत्रकारों को वीडियो डिलिट करने की धमकी दी गई। इस तरह के कई वीडियो शोशल मीडिया में देखे जा सकता हैं।