कुमार अनिल
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इतीफा देने के बाद कल पहली बार सभा को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे, लेकिन इनमें एक भी सवाल संघ की विचारधारा से जुड़ा नहीं था। केजरीवाल ने यह नहीं पूछा कि संघ सांप्रदायिक राजनीति क्यों करता है, दिंदू-मुस्लिम में तनाव बढ़ाने वाली राजनीति क्यों करता है, संघ का संविधान के बारे में क्या कहना है, गांधी की विचारधारा के बारे में क्या कहना है, स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लेने का कोई अफसोस है या नहीं, आंबेडकर और भगत सिंह के बारे में क्या कहना है और आज का बड़ा सवाल कि संघ जाति गणना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव क्यों नहीं बना रहा है। केजरीवाल के पांच सवालों में संघ से जुड़े ये सवाल नहीं थे।
दूसरी तरफ राहुल गांधी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए फिर संघ पर वैचारिक हमला किया। कहा कि संघ जाति और धर्म को लड़ाने, उनके बीच हिंसा फैलाने की राजनीति करता है। भाजपा ने कॉरपोरेट मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिए। छोटे उद्योगों को मार दिया, जिसकी वजह से देशभर में बेरोजगारी है। राहुल गांधी संविधान, जाति गणना, विभिन्न संस्कृति, विभिन्न भाषा के विकास की बात करते हैं। राहुल गांधी संघ से अपने वैचारिक विभाजन की रेखा खींचते हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल के पांच सवालों में कोई वैचारिक सवाल नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख से पांच सवाल किए। पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग कर सरकारें गिरा रहे हैं, क्या देश के लिए यह सही है? मोदी जी ने सभी भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कर लिया, क्या ऐसी राजनीति से आप सहमत हैं? RSS की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो, क्या आज की बीजेपी के इन कदमों से आप सहमत हैं? जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव में कहा कि अब बीजेपी को संघ की जरूरत नहीं है। इससे आपके दिल पर क्या गुजरी? और पांचवा सवाल आपका कानून है कि 75 साल के बाद भाजपा नेता रिटायर हो जाएंगे, जो नियम आडवाणी पर लागू हुआ, क्या वह मोदी पर लागू होगा? केजरीवाल के इन पांच सवालों में संघ की विचारधारा से जुड़ा एक भी सवाल नहीं है।
एक ही रात गिरे दो पुल, तेजस्वी बोले कमीशनखोरी में डूब रहे पुल
ध्यान रहे कोई पार्टी विचारधारा के आधार पर ही जानी जाती है। राहुल हर सभा में संघ से वैचारिक विभाजन रेखा खींचते हैं, लेकिन केजरीवाल कभी संघ की विचारधारा पर नहीं बोलते।