जालौन (यूपी) के जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर द्वारा दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए के अवैध निकासी मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पैरवी करने के लिए नाम आने पर यूपी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश झांसी के आयुक्त अमित गुप्ता को दिया है. साथ ही कहा है कि मामले की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करें.
नौकरशाही डेस्क
दरअसल, बुधवार को सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह से कोर्ट में पेशी के दौरान लालू प्रसाद ने कहा था कि पिछले केस में आपने साढ़े तीन साल की सजा दे दी तो गड़बड़ हो गया. इस बार ढ़ाई साल की सजा दीजिएगा. इस पर जज शिवपाल सिंह ने कहा कि आपके लिए जालौन के एसडीएम ने फोन किया था, वह बर्खास्त हो गया है.
उधर, इस मामले में जालौन के जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने सफाई दी और कहा कि मैंने किसी को फोन नहीं किया है. जिस तारीख का उल्लेख किया गया है, उस समय मैं छुट्टी पर था. मैं मूलत: आसाम का रहनेवाला हूं. बिहार से मेरा कोई नाता नहीं है. जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी, मैं करूंगा. वहीं झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहा कि उन्हें अभी कोई लिखित आदेश नहीं मिला है. पर सूचना मिल गई है कि इस मामले की जांच करनी है. आदेश मिलने के बाद ही वह इस मामले में कोई कुछ कह सकेंगे.