बिहार में भिन्न-भिन्न मामलों को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसका उदाहरण तब देखने को मिला, जब एक जिलाधिकारी को गरीब महादलितों ने एक घंटे तक घेरे रखा। प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें महादलितों के घेरे समुक्त कराया।
मामला बेगूसराय जिले का है। यहां दलित एक आरओबी के नीचे बसे हुए हैं। उनके पास रहने का कोई दूसरा ठिकाना नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन अतिक्रमण हटाने पहुंच गया। महादलितों का कहना है कि वे इस ठंड में कहां जाएंगे। लेकिन प्रशासन मानने को तैयार नहीं था, इससे लोक उत्तेजित हो गए तथा जिलाधिकारी को घंटों रोके रखा। उन्हें मुक्त कराने को खुद एसपी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा, तब किसी तरह जिलाधिकारी को घेरे से निकाला जा सका। प्रशासन ने आरओबी के पास अतिक्रमण हटाने का कार्य फिलहाल स्थगित कर दिया है।
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राजद का तीखा हमला, कहा मुख्यमंत्री कामसूत्र का ज्ञान बांट रहे थे
इधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज फिर मुख्यमंत्री पर राज्य का धन अपने प्रचार के लिए बहाने का आरोप लगाया। कहा कि जो पैसा गरीबों के विकास पर खर्च होना चाहिए था, वह मुख्यमंत्री अपने प्रचार पर कर रहे हैं। उन्होंने आज सभी अखबारों के पहले पन्ने पर मुख्यमंत्री के विज्ञापन की तस्वीर शेयर करते हुए कहा बिहार जैसे गरीब प्रदेश का धन इस प्रकार उड़ाना बिल्कुल गलत है। वहीं राजद ने बेगूसराय मामले में कहा कि गरीबों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर उन्हें घर से बेघर करना नीतीश सरकार का गरीब विरोधी चेहरा बेनकाब करता है।