DM की तानाशाही से हो रही बिहार की बदनामी, देश में विरोध की लहर
बिहार में शराबबंदी है, लेकिन पद का नशा देखिए! एक DM ने शिक्षक को तो अपमानित किया ही, सोचिए बच्चों के मस्तिष्क पर क्या होगा असर?
शराब के नशे पर बिहार में रोक है, लेकिन पद का नशा भी होता है। बिहार के एक डीएम का वीडियो देशभर में बिहार की बदनामी करा है। लेखक, पत्रकार, राजनीतिज्ञ डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वीडियो में डीएम एक शिक्षक को सिर्फ इसलिए डांटते दिख रहे हैं क्योंंकि शिक्षक ने कुर्ता-पायजामा पहन रखा था। शिक्षक के अपमान के साथ ही लोग यह भी चिंता जता रहे हैं कि जिन बच्चों के सामने डीएम ने शिक्षक को बुरी तरह डांटा, क्या वे बच्चे पहले की तरह शिक्षक को सम्मान की नजर से देख पाएंगे। बाल मन पर क्या होगा असर? और क्या शिक्षक अब आत्मसम्मान के साथ बच्चों के सामने खड़े हो पाएंगे?
लखीसराय के डीएम संजय कुमार सिंह ने एक स्कूल में बच्चों के सामने शिक्षक को ठेंठ बिहारी अंदाज में डांट रहे हैं-भ..ट..। इसके बाद वीडियो में जाेर से कहते दिख रहे हैं कि इसका वेतन रोक दो। बेचारा, शिक्षक! काटो तो खून नहीं। सहमा हुआ, पसीना पोंछता रहा। ये है वीडियो-
भारत में कुर्ता पायजामा पहनना कब से अपराध हो गया है ? कुर्सी का इतना रौब ग़लत है।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 11, 2022
प्रधानाचार्य के साथ सरेआम बदतमीज़ी करने वाले @collectorlak DM लखीसराय संजय कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। @NitishKumar @IASassociationpic.twitter.com/ku1AP1n2LV
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा-क्या यह अधिकारी मूढ़ है? एक शिक्षक के कुर्ता-पायजामा पहनने पर एतराज? वह भी इतने अपमानजनक तेवर में? गाँव-क़स्बों में ‘मास्साब’ की तो यही वेशभूषा होती थी। आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ नामवर सिंह, डॉ दयाकृष्ण जैसे नामी शिक्षक शहरों में धोती-कुर्ते में ही पढ़ाते थे। देशभर से लोग इस डीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा-अध्यापक के लिए कुर्ता-पाजामा पहनना कब अपराध हो गया? श्रद्धेय नामवर सिंह धोती-कुर्ता पहनते रहे ज़िंदगी भर। मेरे कई शिक्षक धोती/पाजामा पहनते थे। फिर तो DM साहब को भी सूट टाई में जाना चाहिए। हद दर्ज़े की बदतमीज़ी है यह।
राजद विधायक जिंतेंद्र कुमार राय ने उसी डीएम का एक फोटो शेयर किया है, जिसमें वे खुद कुर्ता पायजामा में दिख रहे हैं। विधायक ने कहा कि डीएम का वेतन रोको। विधायक ने कहा-शिक्षक को डाँटने वाले वो डीएम साहब खुद उसी वेशभूषा में आईएएस की बजाय जनप्रतिनिधि बनकर घूम रहे हैं। कोई तो वेतन रुकवाओ रे!!!! या निर्बलों पर ही चलेगा हर डंडा?
राजद सांसद मनोज झा ने कहा-सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का इससे घटिया तरीका नही हो सकता। बीते दिनों बिहार के कई हिस्से से शिक्षकों का अपमान करने या उनका उपहास करते अधिकारी गण अपने को तुर्रमखां साबित करने में लगे है।अगर कोई कमी है तो संगठित प्रशिक्षण से दुरुस्त करिये। बिहार युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गुंजन पटेल ने कहा-वैसे कलेक्टर साहेब तो क्लर्क वाला वेशभूषा बनाए हुए हैं। हरकत भी रेलवे टिकट काउंटर वाले कर्मचारी की तरह है। ऊपर से कलेक्टरी अलग माथा पे भयानक चढ़ गया। जब कलेक्टरी माथा पे चढ़ जाता है चारों तरफ थू-थू हो जाता है बुशर्ट पहनकर अंग्रेजी बतियाता है और फिर बिहार का बैंड बजवाता है।
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