बिहार की नीतीश-भाजपा सरकार लगातार विपक्ष के चुनावी वादों को पूरा करके अपनी गलती सुधारने में लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद ट्वीट करके बताया कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार करते हुए प्रदेश के निवासियों को नौकरी में प्राथमिकता देने के लिए नियमों में सुधार करने का निर्देश दिया गया है। यह टीआरई-4 से ही लागू किया जाएगा। याद रहे वर्ष 2025 में टीआरई-4 तथा वर्ष 2026 में टीआरई-5 होना है। डोमिसाइल नीति टीआरई-4 से ही लागू होगी यानी इस वर्ष होने वाली नियुक्ति में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी।
याद रहे राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग करते रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कई बार धरना-प्रदर्शन किया। कई बार उन्हें पुलिस के डंडे भी खाने पड़े। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल में घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनी, तो राज्य में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी। इसके बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डोमिसाइल लागू करने की घोषणा कर दी है। याद रहे, दो महीने बाद प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के चुनावी वादों को पूरा कर चुके हैं। तेजस्वी यादव ने 200 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा, तो मुख्यमंत्री ने 125 यूनिट बिजली फ्री कर दिया। इसी तरह दिव्यांग जनों, विधवा की पेंशन बढ़ाने की तेजस्वी यादव की घोषणा के बाद नीतीश कुमार ने उस पेंशन को भी बढ़ा दिया। आशा कार्यकर्ताओं का भत्ता भी बढ़ाया गया है, हालांकि उनकी मांग मानदेय बढ़ाने की है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को कम करने के लिए ये सब किया जा रहा है। हालांकि विपक्ष की एक बड़ी मांग पर अब भी नीतीश कुमार चुप हैं। वह है आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने का, जो कोर्ट में लंबित है। इस मुद्दे पर नीतीश कुमार अपनी ही केंद्र सरकार पर कोई दबाव बनाते नहीं दिख रहे हैं।