बिहार के जाने-माने चिकित्सक डॉ. ए.ए हई अपने जीवन में अनेक कठिन सपनों को साकार किया है और कामयाबी की ऊंचाइयों को छुआ है.
पटना मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. हई ने आज अपनी कोशिशों के बल पर हई मेडिकल रिसर्च इंस्टिच्युट पारस अस्पताल को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचा दिया है. लेकिन अब भी उनके जीवन का एक सपना है जो अभी साकार होना बाकी है.
उनका यह सपना है समाज के कमजोर वर्ग की बच्चियों को डॉक्टर बनाना. डॉ. हई अब अपने इस सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाने की घोषणा कर दी है. पारस होस्पिटल के प्रणेताओं में से एक डॉ. हई का सपना है कि समाज की चालीस बच्चियों को इंटेंसिव कोचिंग दे कर उन्हें मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराया जाये. इसके लिए उन्होंने एएमडी अकेडमी की स्थापना की है.
आज एक पत्रकार सम्मेलन में डा. हई ने कहा कि उनका संस्थान 20 बच्चियों का चयन करेगा. उन बच्चियों को फूडिंग, लाजिंग और कोचिंग सब फ्री में दी जायेगी. इसके अलावा 20 वैसी बच्चियों का भी चयन किया जायेगा जो आर्थिक रूप से मजबूत हों. इस वर्ग की बच्चियां इस कोचिंग में अपना खर्च खुद वहन करेंगी.
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इस अवसर पर ड़ॉ. हई ने बताया कि उनका सपना है कि बच्चियों को मेडिकल लाइन में सामने लाया जाये और उन्हें इस योग्य बनाया जाये कि वह डॉक्टर बन सकें. उन्होंने कहा कि हम अपने इस सपने को साकार करने की दिशा में 14 जुलाई से कदम बढ़ा रहे हैं. एएमडी अकेडमी में चयन की परीक्षा 13 जुलाई को होगी.
मालूम हो कि डॉ. हई बिहार के एक विख्यात सर्जन तो हैं ही, वह एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं जो महिलाओं को मुख्यधारा में आगे बढ़ाने के लिए अपने संस्थान फ्लेम के द्वारा काफी काम कर चुके हैं.