तहफ्फुज, तालीम व तिजारत बड़ी समस्या, अत्याचार निवारण कानून में मुसलमानों को करें शामिल
ऑल इंडिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने तहफ्फुज, तालीम और तिजारत को मुसलमानों की सबसे बड़ी समस्या बताया है और पीएम मोदी से कहा है कि अगर वह मुसमानों का विश्वास जीतना चाहते हैं तो अत्याचार निवारण अधिनियम ( 1989) में कमोजोर मुसलमानों को भी शामिल करें.
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एजाज अली ने दिल्ली में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) में संशोधन करके कमजोर मुसलमानों को इंसाफ दिलाने का रास्ता खोल कर वह मुसलमानों का विश्वास जीत सकते हैं.डॉ. एजाज अली ने कहा कि दंगा व मॉब लिंचिंग जैसी समस्याओं पर रोक लगाने में इस अधिनियम में संशोधन करने से अधिकतर समस्यायें खत्म हो जायेंगी.
दिल्ली में हुई मोर्चा की बैठक
उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति की शुरुआत हालांकि सिर्फ मोदी सरकार की देन नहीं है लेकिन चूंकि अभी देश की बागड़ोर नरेंद्र मोदी के हाथ में है ऐसे में उन पर देश के मुसलमानों की काफी उम्मीदें हैं.
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इस अवसर पर अपनी बातें रखते हुए मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमाल अशरफ ने कहा कि हमारी 25 वर्षों से मांग रही है कि अनुच्छेद 341 में संशोधन करके मुस्लिम दलितों को भी आरक्षण का लाभ देने का समय आ गया है.
कमाल अशरफ ने कहा कि 1949 से चले आ रहे विवाद के साथ ही अनुच्छेद 341 से जुड़े विवाद को भी समाप्त किया जाना चाहिए. अनुच्छेद 341 का विवाद 1950 से चल रहा है और इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रियाजुद्दीन ने कहा कि मोर्चा ने 25 वर्षों से संघर्ष करके अनुच्छेद 341 के मामले को राष्ट्रीय बहस का विषय बना दिया है. उन्होंने कहा कि हमें इस मुद्दे को और मजबूती से उठाने की जरूरत है.
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मोर्चा के प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर ने कहा कि मिशन 341 में दलित समुदाय हमारा भरपूर समर्थन कर रहा है.
इस अवसर पर मोर्चा के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मेहदी हसन मंसूरी, मेजर एमआई अंसारी, आफ्ताब आलम, जमील अख्तर नौशाद आलम, इमामुद्दीन मो. जहांगीर समेत अनेक नेताओं ने संबोधित किया.