EXCLUSSIVE: नयी पार्टी बनायेंगे शकील, ओवैसी के साथ मिल के लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव
इर्शादुल हक
नौकरशाही डॉट कॉम को पता चला है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे शकील अहमद (Dr.Shakeel Ahmad) कांग्रेस में वापस नहीं जायेंगे. वह जल्द ही अपनी पार्टी बनायेंगे और समझा जाता है कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करके बिहार की सभी 243 सीटों पर विधान सभा चुनाव में कूदेंगे.
सूत्र का कहना है कि शकील अहमद का यह मानना है कि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन के कारण कमजोर हो रही है. सूत्र के अनुसार शकील के लिए अहम मुद्दा यह है कि राहुल गांधी ने लालू प्रसाद के मामले में भ्रष्टाचार से संबंधित जिस बिल को लोकसभा में फाड़ डाला था, उन्ही की पार्टी राजद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है.
बिहार विधान सभा का चुनाव 2020 के अक्टूबर-नवम्बर में होना है.
टूटेंगे कांग्रेस के विधायक
सूत्रों का यहां तक कहना है कि शकील के नयी पार्टी के गठन करने के बाद कांग्रेस के अनेक विधायक भी उनके साथ आ जायेंगे.
गौरतलब है कि शकील अहमद अखिला भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें जब टिकट नहीं मिला तो वह मधुबनी से आजाद उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव मैदान में कूद पड़े थे. उस चुनाव में उनकी हार हो गयी थी. बाद में शकील को कांग्रेस ने निलंबित कर दिया था.
चुनाव के बाद यह कयास लगाये जाने लगे थे कि शकील कांग्रेस में फिर वापस हो सकते हैं. इस बीच बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय कमेटी से आग्रह किया था कि शकील अहमद को कांग्रेस में वापस लिया जाये.
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तीन पीढ़ियों से सियासत में दबदबा
शकील अहमद खानदानी कांग्रेसी रहे हैं. उनके पिता शकूर अहमद व दादा गफूर अहमद स्वतंत्रता सेनानी व कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. खुद शकील अहमद बिहार सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं. शकील अहमद के पिता शकूर अहमद 1952 के पहले चुनाव से ले कर लगातार पांच बार विधायक रहे थे. जबकि उनके दादा 1937 में विधायक चुने गये थे.
शकील अहमद खुद 1985 में पहली बार विधायक बने थे. वह राबड़ी देवी मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. साथ ही शकील दो बार लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.
आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार
इसी से जुड़ी- शकील अहमद, पुतुल कुमारी समेत कई दिग्गज जमानत भी नहीं बचा पाये