ED ने दायर की चार्जशीट, राबड़ी और मीसा के नाम, सुनवाई 16 को
ED ने दायर की चार्जशीट, राबड़ी और मीसा के नाम, सुनवाई 16 को। नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपपत्र। राजद सांसद मनोज झा क्या बोले?
ED ने मंगलवार को पहली चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें लालू परिवार को दो सदस्यों पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती के नाम हैं। कुछ अन्य लोगों के नाम भी हैं। नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपपत्र दायर होने के साथ ही अदालत ने छह दिन बाद 16 जनवरी को सुनवाई की तारीख भी दे दी है। इसी मामले में ईडी ने लालू प्रसाद तथा तेजस्वी यादव को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, पर दोनों उपस्थित नहीं हुए।
इधर राजद सांसद मनोज झा ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केस 15 साल पुराना है। 2008 का मामला है। केस रेलवे से जुड़ा है, लेकिन रेलवे ने कभी यह स्वीकार नहीं किया कि कोई घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि सिर्फ हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए मां (राबड़ी देवी) और बेटी (मीसा भारती) का नाम आरोपपत्र में शामिल कर दिया गया है।
VIDEO | "This case dates back to 2008. It is related to Railways but the Railways never acknowledged that there is any such scam. What's unfortunate is that you named mothers and sisters of the family, only for headline management," says RJD MP @manojkjhadu as ED chargesheet in… pic.twitter.com/FdU8pvmtcL
— Press Trust of India (@PTI_News) January 9, 2024
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजद प्रवक्ता ने कहा कि दाखिल चार्जशीट में घर के उन महिलाओं का नाम शामिल किया गया है जिनका रेलवे मंत्रालय से कोई वास्ता नहीं रहा है। यह भी अजीब मामला है कि चार्जशीट में रेलवे के किसी अधिकारी का नाम नहीं है। और इससे भी बड़ा आश्चर्य तो यह है कि जिस अमित कात्याल को सीबीआई ने गवाह बनाया है, ईडी उसे भी गिरफ्तार कर लेती है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस मामले में 2008 में हीं कई -कई एफआईआर हो चुके थे और सीबीआई द्वारा कोई गड़बड़ी नहीं मिलने पर जिसे बंद कर दिया गया था। उसे राजनीतिक प्रतिशोध में पुनर्जीवित कर लालू जी के परिवार को परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने के साथ हीं ईडी द्वारा यह कहना की सप्लिमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल किया जाएगा। ईडी के मंसूबों को स्पष्ट करता है। मतलब ईडी इसे खुला रखकर भविष्य में और लोगों का नाम इसमें जोड़ने का विकल्प खुला रखना चाह रही है जिसका इस्तेमाल अन्य लोगों को लोकसभा चुनाव तक उलझाए रखने और परेशान करने में कर सके।
मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार ईडी ने कत्याल को पिछले साल नवंबर में इस मामले में गिरफ्तार किया था, जबकि लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन वे अभी तक पेश नहीं हुए हैं। यह कथित घोटाला उस समय का है जब प्रसाद संप्रग-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप ‘डी’ के पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी को हस्तांतरित कर दी थी।
इधर पूर् मामले को राजनीतिक रूप से भी देखा जा रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। चुनाव से पहले कई विपक्षी नेताओं ने आशंका जाहिर की है कि उन्हें झूठे मामलों में जेल में डाला जा सकता है। फिलहाल कहा नहीं जा सकता कि विपक्षी नेताओं को जेल भेजने से भाजपा को चुनावी लाभ होगा या नहीं। कई लोग मान रहे हैं कि हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल और लालू परिवार को जेल भेजने से इनके प्रति जनता में सहानुभूति हो सकती है।
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