इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम

भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी ने जो रंगत दिखाई है, उससे लग रहा है कि बिहार की सियासत ही बदल जायेगी.

करोडों का भ्रष्टाचार तो अपनी जगह है, इस छापेमारी ने तो अमित शाह के हाथों में तुरूप का ऐसा पत्ता थमा दिया है जिससे नीतीश कुमार की कुर्सी ही हिल सकती है.

अमति शाह मंझे खिलाड़ी हैं. वह इस तुरूप के पत्ते से नीतीश को न सिर्फ चुनाव पूर्व कुर्सी से बेदखल करने का खेल रच सकते हैं, बल्कि चुनाव बाद सीएम प्रत्याशी बनने के उनके सपने को भी चूर करने की बारगेनिंग कर सकते हैं.

तारिणी दास के बहाने इस तुरूप के पत्ते की गुत्थियों को खोलता आज  #HaqKiBaat  में देखिए यह विडियो.

सारांश यह है कि न सिर्फ तारिणी दास पर टेंडर के बदले करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला है बल्कि उनकी नियुक्ति में भी जबरदस्त हेराफेरी सामने आ रही है.

मामला यूं समझिये कि 31 अक्टूबर 2024 को रिटायर हो चुके तारिणी दास को 9 नवम्बर 2024 को उनके निवर्तमान पद पर कंट्रेक्ट की बुनियाद पर नियुक्त कर लिया गया. इस नियुक्ति से पहले कैबिनेट की मंजूरी जरूरी थी. उसे नहीं ली गयी. मंजूरी भी ली गयी तो नियुक्ति के दस दिनों बाद 19 नवम्बर को.

इन आरोपों पर राजद प्रवक्ताओं का कहना है कि नियुक्ति में यह हेराफेरी उच्च स्तर पर हुई.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464