चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की आपत्तियों को लेकर उठे विवाद को सुलझाते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सभी सदस्यों के बयान दर्ज किये जायेंगे।
आयोग ने श्री लवासा की आपत्तियों और बैठक में भाग न लेने की घोषणा को देखते हुए मंगलवार को अपनी महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी जिसमे उपरोक्त निर्णय लिया गया। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के अलावा चुनाव आयुक्त श्री लवासा और सुशील चन्द्र ने भाग लिया।
गौरतलब है कि श्री लवासा ने श्री अरोड़ा को गत दिनों पत्र लिखकर इस बात पर आपत्ति की थी कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में फैसला देते समय उनकी असहमतियों को दर्ज नहीं किया जा रहा है। यह देखते हुए श्री लवासा ने आयोग की बैठकों में भाग न लेने की घोषणा की थी। यह खबर जब मीडिया में आयी तो आयोग ने 21 मई को इस मुद्दे पर बैठक बुलाने का फैसला किया।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि आज की बैठक में यह फैसला लिया गया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में आयोग की बैठक की कार्यवाही दर्ज की जायेगी जिसमें आयोग के सभी सदस्यों की बातों को भी शामिल किया जायेगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी फैसला किया गया कि इस बारे में उचित दिशा-निर्देश तय किये जायेंगे और नियमानुसार उसे जारी किया जायेगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी फैसला किया गया कि इस बारे में उचित दिशा-निर्देश तय किये जायेंगे और नियमानुसार उसे जारी किया जायेगा।
इस तरह चुनाव आयोग के भीतर चल रहा आंतरिक टकराव अब समाप्त हो गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदर्श आचार चुनाव संहिता के उल्लंघन की शिकायतों को निपटाते हुए आयोग ने श्री मोदी को सभी मामलों में क्लीन चिट दे दी जबकि श्री लवासा ने कुछ मामलों में असहमति भी जताई लेकिन उनकी राय को दर्ज नहीं किया गया।