पूर्व आईजी दारापुरी बने पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष, डॉ. पाल महासचिव

यूपी के पूर्व आईजी और दलित-आदिवासी, मजदूर आंदोलन के नेता एसआर दारापुरी पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष चुने गए। बिहार के डॉ. पाल महासचिव बने।

आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी की बैठक में पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार के प्रसिद्ध डाक्टर परमानंद प्रसाद पाल को राष्ट्रीय महासचिव और कनार्टक के प्रसिद्ध मजदूर नेता राधवेन्द्र कुस्तगी को उपाध्यक्ष चुना गया।

इसके अलावा इंजीनियर दुर्गा प्रसाद सांगठनिक महासचिव, नीलेन्द्र कुमार त्यागी को राष्ट्रीय सचिव, दिनकर कपूर को कोषाध्यक्ष व सुरेश बिंद कार्यालय सचिव चुने गए. 21 सदस्यी केन्द्रीय वर्किंग कमेटी का भी चुनाव किया गया। इसमें पदाधिकारियों के अलावा पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा,प्रख्यात सहित्यकार अली जावेद, राजेश सचान, अशोक कुमार, अशोक वर्मा, डा. बी. आर. गौतम, शगुफ्ता यासमीन, लाल बहादुर सिंह, डा. बृज बिहारी आदि लोग है।

बैठक में उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की रक्षा व जनमुद्दों पर जनता से संवाद कायम करने और जनांदोलन तेज करने का निर्णय हुआ। बैठक में जारी किसान आंदोलन में और भी मजबूती से हिस्सेदारी करने और 4 अक्टूबर को दिल्ली के कांन्स्टिट्यूशन क्लब में भूमि सुधार, सहकारी खेती की मजबूती, सार्वभौमिक व सुलभ शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था और कोल समेत आदिवासी का दर्जा न पाने वाली जातियों को जनजाति का दर्जा जैसी मांगों पर मजदूर किसान मंच के बैनर परं सम्मेलन करने का निर्णय हुआ।

इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ व झारखण्ड से पचास प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों से प्रतिनिधि रहेंगे।

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दारापुरी यूपी में दलित-आदिवासियों के लिए जमीन की लड़ाई लड़ते रहे हैं। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वे बताते हैं- मिर्जापुर, सोनभद्र, नवगढ़, चंदौली इलाके के आदिवासी परेशान हैं। 2017 में उनकी बेदखली शुरू हुई, तो हमने आदिवासियों को संगठित किया। कोर्ट गए। आज भी वनाधिकार की लड़ाई जारी है। हमारे इस आंदोलन से आरएसएस का आदिवासियों के हिंदूकरण का अभियान बाधित हो गया। इससे भाजपा नाराज हुई और मुझे झूठे मुकदमे में जेल में डाल दिया गया।

डा. पाल बिहार में सामाजिक न्याय और वंचित समाज के लिए हमेशा आंदोलनों से जुड़े रहे हैं।

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By Editor


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