पूर्व जजों की देशभक्ति पर सवाल उठाने के खिलाफ 350 वकील
इसी को कहते हैं धज्जी उड़ाना। देश के 350 वकीलों ने कानून मंत्री रिजिजू को कहा, सरकार के आलोचक भी उतने ही देशभक्त, जितने सरकार के मंत्री। पूरा पढ़िए।
दस दिन पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि कुछ पूर्व जज भारत विरोधी गैंग के सदस्य हैं। मंत्री के इस बयान पर बुधवार को देशभर के 350 वरिष्ठ वकीलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साझा बयान जारी करके कहा दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार की आलोचना कर हर नागरिक का अधिकार है। यह मानवाधिकार है। सरकार की आलोचना करने वाले, विरोध करने वाले लोग भी उतने ही देशभक्ति हैं, जितने सरकार में बैठे मंत्री। कानून मंत्री के बयान का विरोध करने वाले वकीलों की सूची नीचे देखिए-
Some of the signatories of the statement. #SupremeCourt pic.twitter.com/K4hks7OT4D
— Live Law (@LiveLawIndia) March 29, 2023
काननू मंत्री रिजिजू के उस बयान को वकीलों ने धमकी करार दिया है। अपने साझा बयान में वकीलों ने कहा- पूर्व जजों को धमकी देकर कानून मंत्री ने देश के हर नागरिक को संदेश दिया है कि विरोध का एक शब्द भी बरदाश्त नहीं किया जाएगा। हम मंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि सरकार का विरोध न तो देश का विरोध है, न ही अदेशभक्ति और न ही देशद्रोह या भारत विरोधी होना है।
वकीलों ने कहा कि वे बिना किसी हिचक के यह कहना चाहते हैं कि सरकार का विरोध करने वाले भी उतने ही देशभक्त हैं, जितना सरकार में बैठे लोग। और सरकार की विफलता गिनाना, कमियों को बताना या संवैधानिक परंपरा का उल्लंघन मूलभूत मानवाधिकार है। सरकार की आलोचना का अर्थ यह नहीं है कि राज्यमशीनरी किसी व्यक्ति की देशभक्ति पर सवाल खड़ा करे। हर नागरिक का अधिकार है कि वह विरोध कर सकता है, आलोचना कर सकता है और शांतिपूर्व किसी भी सरकार का प्रतिवाद कर सकता है। यह उसका मानवाधिकार है।
वकीलों ने कहा कि पूर्व जज जो अपने विचार रखते हैं, वे जिम्मेदार महिला-पुरुष हैं, जिन्होंने न्याय व्यवस्था को पालला-पोसा है। अगर उनके विचार वर्तमान सरकार के अनुकूल नहीं भी हैं, तो भी किसी मंत्री को उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़ा करने का अधिकार नहीं देता। पूर्व जजों ने देश की सेवा की है और इसके लिए उनका आभार जताया जाना चाहिए।
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