नीतीश पर FIR मामला, मचा तूफान अधिकतर अखबारों से खबर गायब
IAS सुधीर कुमार द्वारा नीतीश कुमार पर FIR दर्ज कराने की नाकाम कोशिश की खबर डिजिटल मीडिया से लाखों लोगों तक पहुंची लेकिन कुछ अखबारों ने ये खबर नहीं छापी.
हालांकि दैनिक भास्कर ने इस खबर को फ्रंट पेज में जगह दे कर पत्रकारिता की लाज बचा ली.
प्रभात खबर ने यह खबर नहीं छापी. दैनिक जागरण व हिंदुस्तान का भी यही हाल रहा. बिहार में यही अखबार हिंदी के लीडिंग अखबार हैं.
शर्मशार करने वाली बात तो यह है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की लेकिन इस खबर को भी इन अखबारों ने नहीं छापा.
क्या था मामला
बिहार कर्मचारी चयन आयाेग (बीएसएससी) के इंटर स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में जाली दस्तावेज से फंसाने के आरोप में आयाेग के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार शनिवार काे FIR दर्ज कराने के लिए एससी-एसटी थाना पहुंच थे. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना के पूर्व एसएसपी मनु महाराज, पूर्व एएसपी राकेश दुबे समेत कई अफसरों के खिलाफ जालसाजी, झूठा कागज बनाने और फर्जी साक्ष्य पेश करने की लिखित शिकायत दी। उन्हें चार घंटे तक थाना में बैठाकर रखा गया। लेकिन उनकीFIR दर्ज नहीं की गयी.
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मुख्यसचिव स्तर के अधिकारी की शिकायत दर्ज नहीं करने और उन्हें थाने में बिठाये रखने की खबर जैसे ही डिजिटल माध्यमों पर वायरल हुई, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस बुला ली. उन्होंने जम कर नीतीश सरकार पर हमला बोला और एफआईआर दर्ज नहीं करने को तानाशाही रवैया बताया. तेजस्वी ने कहा कि जब एक आईएएस अधिकारी की एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती तो आम लोगों की क्या हालत हो सकती है यह समझा जा सकता है.
रात होते होते इस मामले से जुड़ी खबर लाखों लोगों तक पहुंच गयी. लेकिन आज सुबह के अधिकतर अखबारों ने इस खबर को नहीं छापा. जबकि दैनिक भास्कर ने इस खबर को लीड के तौर लिया.
राजद के नेता चितरंजन गगन ने इस संबंध में कहा कि नीतीश कुमार से डरे हुए अखबारों ने इस खबर को दबा दिया. नीतीश अपनी छवि दागदार होने से बचने के लिए अखबारों के मालिकों को तरह तरह से धमकाते हैं. जो अखबार नीतीश कुमार के असल चेहरे को उजागर करते हैं उसका विज्ञापन रोक दिया जाता है.
आईएएस सुधीर कुमार जेल में थे
दरअसल 5 फरवरी 2017 काे बीएसएससी की इंटरस्तरीय परीक्षा हुई थी। परीक्षा शुरू हाेने से पहले ही पेपर लीक हाे गया था। पेपर लीक के बाद पूरे बिहार में छात्राें ने अांदाेलन किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री काे अागे आकर परीक्षा रद्द करने की घोषणा करनी पड़ी थी। जांच के लिए बनी एसअाईटी ने तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में सुधीर कुमार समेत करीब चार दर्जन लाेगाें काे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सुधीर काे 8 फरवरी 2017 काे गिरफ्तार किया गया। वे करीब साढ़े तीन साल तक जेल में रहे अाैर 7 अक्टूबर 2020 काे जेल से जमानत पर छूटे थे