Fr. Stan Swamy नहीं रहे, राजद ने कहा यह हत्या है
आदिवासी-गरीब के लिए ताजिंदगी लड़नेवाले स्टेन स्वामी ने मुंबई में अंतिम सांस ली। राजद ने उनके निधन पर केंद्र की कड़ी निंदा की। कहा-यह हत्या है।
मुंबई के एक निजी अस्पताल में आज दोपहर 1.30 बजे मानवाधिकार, जल-जंगल-जमीन के लिए आंदोलन के एक मजबूत स्तंभ फादर सेटन स्वामी ने अंतिम सांस ली। वे 84 वर्ष के थे। उनका निधन ऐसे वक्त हुआ, जब बांबे हाईकोर्ट उनके अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर रहा था।
फादर स्टेन स्वामी भीमा-कोरेगांव हिंसा में आरोपी बनाए गए थे। उन्हें पिछले साल 9 अक्टूबर को रांची से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें बेहद अमानवीय स्थिति में जेल में रखा गया था। उन्हें पार्किंसन बीमारी सहित कई बीमारियां थीं। उन्हें हाथ से ग्लास तक नहीं पकड़ सकते थे। स्ट्रा-सीपर कप और सर्दी से बचने के लिए कपड़ों की मांग के लिए भी कोर्ट जाना पड़ा था। जेल में रहते हुए उन्हें कोविड भी हुआ था। फिलहाल वे एक अस्पताल में थे।
राजद ने केंद्र सरकार के रवैये कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया- देश के तानाशाह को फादर स्टैन स्वामी की ‘हत्या’ की मुबारकबाद!
आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज उठानेवाले रंजीत उरांव ने ट्वीट किया- बहुत दुःख की बात है कि 84 साल के स्टेनस्वामी जिन्होंने झारखंड व देश के आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले व जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्ता जिन्हें केंद्र सरकार @narendramodi जी द्वारा अंत तक जमानत नही मिलने की वजह से आज उनकी मृत्यु हो गई.. “दादा को अंतिम जोहार”।
देश की जनजातीय आबादी के लिए संघर्ष करनेवाली आदिवासी आर्मी ने ट्विट किया-स्टैन स्वामी की मौत के भागीदार हम सब हैं! जो भारत की जेल में क़ैद पार्किंसंस बीमारी से घिरे एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की मौत को पल-पल क़रीब आता देखते रहे।. अलविदा फादर #स्टैन_स्वामी
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तनुज सिंह ने ट्विट किया-पहले गोविंद पानसरे की राजनितिक हत्या की गई, फिर गौरी लंकेश की राजनितिक हत्या की गई अब स्टैन स्वामी, सवाल ये हैं कि ऐसा कबतक चलेगा?? कबतक पाखंडवाद, रूढ़िवाद असामनता के खिलाफ आवाज़ उठाने वालो के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा???
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