गजब! नीतीश केयर्स शराब बनानेवाली सब्जी का कर रहा प्रचार

बिहार में शराबबंदी है। लेकिन ‘नीतीश केयर्स’ ट्विटर हैंडल से ऐसी सब्जी का प्रचार किया जा रहा है, जिससे शराब बनती है। इस वीडियो को जदयू ने भी रिट्विट किया।

कुमार अनिल

महात्मा गांधी का एक कथन काफी चर्चित है। अच्छे लक्ष्य के लिए अच्छा माध्यम भी होना चाहिए। आप शराबबंदी लागू करना चाहते हैं, लेकिन ऐसी सब्जी का प्रचार कर रहे हैं, जिससे शराब बनती है, तो इसे क्या कहा जाए?

नीतीश केयर्स‘ नाम के ट्विटर हैंडल ने एक टीवी चैनल का वीडियो जारी किया है। ट्विटर पर फोटो के साथ लिखा है-देश के लिए बिहार फिर बना नजीर! चित्र में खूब हरे-भरे खेत नजर आ रहे हैं। नीचे लिखा है-हॉप शूट्स। एक किलो की कीमत एक लाख रुपए। स्लाइड चलता रहता है। क्षणभर में दूसरा स्लाइड आता है- सब्जी से बनती हैं एंटी बायोटिक दवाएं। टीबी जैसी बीमारी का इलाज भी होता है। पिर स्लाइड आता है- इस सब्जी से बनती है बियर।

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वीडियो स्टार्ट करने पर रुक-रुक एंकर बताता है कि हॉप शूट्स दुनिया की सबसे महंगी सब्जी है। इसका उत्पादन देश में सिर्फ बिहार ही कर रहा है। इससे दवाएं बनती हैं, लेकिन इस सब्जी के इतने महंगे होने की असली वजह है इससे बियर बनती है।

फिर एंकर कहता है कि यह सब्जी आपको बाजार में नहीं मिलेगी। बिहार में अभी इक्का-दुक्का किसान ही इस सब्जी की खेती कर रहे हैं। फिर एंकर गर्व से कहता है कि सोचिए, अगर अधिक से अधिक किसान इस सब्जी की खेती करने लगें, तो बिहार की आर्थिक स्थिति कितनी बेहतर हो सकती है।

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अब बड़ा सवाल यह है कि क्या शराब पीना और रखना गैरकानूनी है, तो ऐसी सब्जी का प्रचार करना कैसे उचित है, जिससे शराब बनती है। वीडियो में बियर से भरा ग्लास भी दिखाया गया है। बियर का प्रचार कैसे उचित है।

नीतीश केयर्स ने वीडियो शेयर करते हुए कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की है। इसका अर्थ है कि वह इस सब्जी के उत्पादन के समर्थन में है। जदयू ने इसे रिट्विट किया है, लेकिन उसने भी यह नहीं कहा कि इस सब्जी के उत्पादन पर रोक लगाई जाए।

मालूम हो कि बिहार में एक समय शराब बनानेवाली फैक्ट्रियां भी थीं, जिन्हें सरकार ने बंद कर दिया। शराब पीना, रखना और उत्पादन करना अपराध है, तो शराब के लिए कच्चा माल बनाना कैसे उचित कहा जा सकता है? क्या उद्योग-धंधों के बजाय शराब बनानेवाली सब्जी उगाकर बिहार खुशहाल बनेगा?

इस बीच राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि एक तरफ शराबबंदी और दूसरी तरफ शराब के लिए कच्चा माल तैयार करने के लिए प्रेरित करना यह नीतीश सरकार का दिवालियापन दिखाता है। आज जहरीली शराब से बिहार के लोग मर रहे हैं, वहीं सरकार के समर्थक ऐसी सब्जी उपजाने के लिए कह रहे हैं, जिससे शराब बनती है। अगर गांजे की खेती करना गलत है, तो इस सब्जी की खेती कैसे उचित है, जिससे बियर बनती है।

By Editor


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