कांग्रेस ने गौरव गोगोई को लोकसभा में पार्टी का उप नेता बनाया है। इसके साथ ही आठवीं बार लोकसभा चुनाव जीते के सुरेश को पार्टी का चीफ ह्वीप नियुक्त किया है। दो अन्य ह्वीप बिहार के किशनगंज से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने वाले डॉ. मो. जावेद तथा तमिनडाडु से जीते मनिकम टैगोर बनाए गए हैं। इन चारों पदाधिकारियों की नियुक्ति की सूचना कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दी है। खास बात यह कि इन चारों में कोई सवर्ण सांसद नहीं हैं। चारों सांसद पिछड़े, दलित तथा मुस्लिम वर्ग हैं।
गौरव गोगोई तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। वे असम के जोरहट से सांसद हैं। गोगोई अहोम जाति का सरनेम है, जो असम में ओबीसी वर्ग में शामिल है। इसी तरह के सुरेश दलित वर्ग से आते हैं। वे केरल से आठवी बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। याद रहे के सुरेश को कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष पदे के चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। उनका बचपन बेहद गरीबी में गुजरा है। बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था, जिसके बाद उनकी माता ने ही छह बच्चों को पाला। वे खेतों से घाय काट कर स्थानीय बाजार में बेचती थीं और इस काम में के सुरेश भी हाथ बंटाते थे।
बिहार के किशनगंज से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतनेवाले डॉ. मो. जावेद राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में किशनगंज भी पहुंचे थे। इसी तरह मनिकम टैगोर पिछड़ों के आरक्षण के लिए आवाज उठाते रहे हैं। खास कर डीम्ड यूनिवर्सिटी में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए वे आवाज उठाते रहे हैं।
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कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन के प्रस्ताव में कहा गया था कि पार्टी की सभी कमिटियों में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक 50 प्रतिशत होंगे। अब कांग्रेस ने चार पदाधिकारियों में एक भी सवर्ण को नहीं लेकर अपनी दिशा स्पष्ट कर दी है।