गुलाम सरवर जयंती पर मुस्लिम मोर्चा करेगा आत्मचिंतन
लेखक,वक्ता, पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष गुलाम सरवर (Ghulam Sarwar) की 95 वीं जयंती युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने 10 जनवरी को “आत्म चिंतन दिवस” के रूप में मनायेगा.
मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता कमाल अशरफ राईन ने आज एक प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि इस अवसर पर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ एजाज अली,प्रो० इसराइल रजा, पत्रकार,श्री रेहान गनी, पत्रकार, श्री इर्शादुल हक,प्रो० मो शफायत हुसैन और श्री अरुण कुमार कुशवाहा जी, वरिष्ठ अधिवक्ता पटना हाईकोर्ट अपने ख्यालातों का इजहार करेंगे।
अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को मौत ने दबोचा, 14 मरे
उन्होंने बताया कि मरहूम गुलाम सरवर (Ghulam Sarwar) ने 1952 में रोज़नामा उर्दू “संगम” निकाला जिसे आन्दोलन का शक्ल दिया संगम में उनके द्वारा लिखे गए संपादकीय को लोग उस जमाने में पढ़ें बगैर सुबह की चाय नहीं पीते थे अखबार की कापी ना मिले तो लोग ब्लैक में खरीदते थे।
1980 के दशक तक संगम अखबार की तूती बोलती थी. इस अखबार का प्रकाशन आज भी होता है और उर्दू पाठकों में पसंद किया जाता है.इस अखभार के चीफ एडिटर डा. एजाज अली हैं.
श्री अशरफ ने कहा कि उर्दू को बिहार में द्वितीय भाषा का दर्जा दिलाने में मरहूम गुलाम सरवर की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के मंत्रालय में बतौर शिक्षा मंत्री मरहूम सरवर ने बिहार में मदरसा व संस्कृत बोर्ड का गठन किया। उन्होंने कहा कि मरहूम गुलाम सरवर ने कांग्रेस विरोधी राजनीति की अनेकों दफा जेल गए कांग्रेसियों ने उन्हें खरीदने की भी कोशिश की पर उन्होंने मुफलिसी में जिन्दगी गुजारना मंजूर किया पर अपने कलम को किसी कीमत पर बीकने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने गुलाम सरवर की सरकारी जयंती का आयोजन और गुलाम सरवर मेमोरियल हॉल बनाकर ना सिर्फ उन्हें सम्मान दिया बल्कि उन्हें अमर कर दिया.