केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का अभी तक का राजनीतिक जीवन काफी उतार – चढाव भरा रहा है. हमेशा शुर्खियो में बने रहने वाले नेता ,गिरिराज सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं . वजह है हाल में दिया गया उनका बयान .
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राजनीतिक जीवन से संन्यास के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि मेरी राजनीतिक पारी अब खत्म होने वाली है. प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह मेरे जीवन की आखिरी पारी है. उन्होंने कहा कि ‘मैं राजनीती में कोई लोभ से नहीं आया और ना हीं मंत्री, विधायक या सांसद बनने का मेरा कोई मकसद था .
अनुच्छेद- 370 मामले पर गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद-370 हटा कर मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा मकसद खत्म कर दिया है . मेरा एक और मकसद है जनसंख्या नियंत्रण और उस पर भी मोदीजी ने 15 अगस्त को लालकिले से चिंता जताई है।’
बाढ़ पीड़ितों के लिए खुद आत्महत्या करने की कही थी बात
बिहार में बाढ़ से हुई जान-माल के नुकसान और बाढ़ से हुई तबाही पर खेद जताते हुए सरकार को खूब फटकार लगाईं . गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में बिहार सरकार को घेरे में लेते हुए कहा था कि “बाढ़ पीड़ितों को राहत नहीं मिल रही है। हम जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में हमारे पास दो ही रास्ते हैं, या तो आत्महत्या कर लें या कुछ न बोलें?” जो हालात हैं उसमें हम आज सरकार से मांग नहीं करें तो किससे करें.
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मंत्री ने कहा -जिसको आत्महत्या करना है वो करे
गिरिराज के बयान पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि गिरिराज सिंह , बिना देखे समझे कुछ भी बोल रहे हैं , वे हकीकत को देखकर बयान दिया करें। बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने का काम जारी है. इसके बाद भी अगर वे आत्महत्या करना चाहते हैं तो रोका किसने है? उन्होंने कहा कि गिरिराज को आत्महत्या करने वाला बयान नहीं देना चाहिए.