चुनाव आयोग द्वारा संचालित गहन मतदाता पुनरीक्षण के सवाल पर नीतीश कुमार की पार्टी के एक सांसद ने पार्टी लाइन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ और भी बड़े नेता विद्रोही तेवर दिखाएंगे। सांसद के खुलेआम विद्रोह से पार्टी में घमासान तेज हो गया है। विधायक भी परेशान हैं, लेकिन वे टिकट कट जाने के भय से खुल कर बोल नहीं रहे।
जदयू सांसद गिरिधारी यादव ने बुधवार को नीतीश कुमार और ललन सिंह की लाइन के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उन्होंने खुल कर कहा कि चुनाव आयोग का निर्णय गलत है। आयोग को कोई ज्ञान नहीं है। उसे न बिहार का पता है और इसके भूगोल का। लोग परेशान हैं। कहा कि जो दस्तावेज मांगे गए हैं, उन्हें इकट्ठा करने में खुद उन्हें ही दस दिन लग गए।
जदयू सांसद ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सिर्फ एक महीने का वक्त दिया गया है। उनका बेटा अमेरिका में रहता है, वह अपना दस्तावेज इतने कम समय में कैसे जमा कर सकता है। समय सीमा कम से कम छह महीने का होना चाहिए था। जो प्रवासी मजदूर हैं, दूसरे राज्यों में काम करते हैं, वे किस प्रकार इतने कम समय में अपना दस्तावेज जमा कर पाएंगे। चुनाव आयोग का निर्णय विवेकपूर्ण नहीं है।
माना जा रहा है कि जल्द ही जदयू के कुछ और बड़े नेता नीतीश कुमार और ललन सिंह की लाइन के खिलाफ विद्रोही तेवर दिखाएंगे। जहां तक विधायकों की बात है, वे भी परेशानी महसूस कर रहे हैं, लेकिन डर से नहीं बोल रहे हैं कि कहीं उनका टिकट न काट दिया जाए। लेकिन इतना तय है कि पार्टी में इस मुद्दे पर तकरार बढ़ गई है। कई नेता नेतृत्व के रुख के खिलाफ राय रखते हैं।