Giriraj Singh की घृणा की सियासत का बहुजनों ने अम्बेडकर की प्रतिमा को धो कर लिया बदला
दलित समुदाय के मुख्यमंत्री रहे जीतन राम मांझी ने मंदिर में दर्शन किया था तो वहां के सवर्णों ने मंदिर को गंगाजल से धोया था. अब केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh से इसका बदला बहुजन क्रांति मोर्चा ने कैसे लिया है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तो दूसरे ही दिन बहुजन क्रांति मोर्चा के लोगों ने बाबा साहब की प्रतिमा को गंगाजल से धो कर पवित्र किया.
मामला बेगूसराय (Begusarai) जिले के बलिया प्रखंड का है, जहां केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar) की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद विपक्षी पार्टियों ने प्रतिमा सहित पूरे मंदिर परिसर को धोकर अपना विरोध जताया.
Giriraj Singh ने अम्बेडकर की प्रतिमा का किया माल्यार्पण
बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जिस अंबेडकर पार्क में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था, उसे धोकर शुद्धिकरण किया गया. बहुजन क्रांति मोर्चा के इस शुद्धिकरण अभियान में राजद और वाम दलों के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.
आखिर क्यों रो पड़े गिरिराज सिंह, जानिए …
प्रतिमा धोने वाले लोगों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नफरत की राजनीति करते हैं और कल बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अशुद्ध किया. इसलिए प्रतिमा को जल से धोया जा रहा है.
दरअसल केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को सीएए के समर्थन और पुलवामा के शहीदों के याद में साहेबपुर कमाल से बलिया तक भारतवंशी जागृति यात्रा निकाली थी. यात्रा के बाद बलिया प्रखंड कार्यालय स्थित अंबेडकर पार्क में एक सभा को भी संबोधित किया था. इसी पार्क में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा है. जिस पर गिरिराज और अन्य भाजपा नेताओं ने माल्यार्पण किया था.
गिरिराज के प्रतिनिधि का जवाब
इस मामले के बाद गिरिराज सिंह के प्रतिनिधि ने वैसा ही जवाब दिया है जैसा किसी दलित द्वारा मंदिर में प्रवेश के बाद गंगाजल से शुद्ध करने पर दिया जाता रहा है सांसद के प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि आज टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों के द्वारा कुत्सित राजनीति की जा रही है. पूरे देश को तोड़ने की साजिश की जा रही है. एक सम्मानित केंद्रीय मंत्री के बाबा साहब के मंदिर में प्रवेश करने पर मंदिर को अपवित्र बताना असंसदीय ही नहीं, बल्कि बीमार मानसिकता का द्योतक है.