गोडसेपंथियों का चंपारण में उत्पात, गांधी की प्रतिमा तोड़ी
बिहार में भी गोडसेपंथियों ने उत्पात मचाया। महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में ही उनकी प्रतिमा तोड़ दी। पूरे देश में हुई बिहार की बदनामी।
महात्मा गांधी ने पहली बार सत्याग्रह का सफल प्रयोग बिहार के चंपारण में ही किया था। यहां के किसानों को अंग्रेजी गुलामी से मुक्ति दिलाई थी। लाखों लोगों के भीतर बैठे अंग्रेजी पुलिस का डर खत्म किया था। स्कूल खोले थे ताकि लोग शिक्षा पा सकें। उसी चंपारण में अब गोडसेपंथियों ने भी जन्म ले लिया है। उन्होंने सबके सामने गांधी की प्रतिमा तोड़ने की हिम्मत तो नहीं की, लेकिन रात के अंधेरे में प्रतिमा तोड़ दी। निश्चित रूप से समाज ने जोरदार प्रतिवाद नहीं किया, तो कल ये फिर किसी दूसरी जगह प्रतिमा तोड़ेंगे।
गांधी की कर्मभूमि में ही उनकी प्रतिमा तोड़ने पर देश अवाक है। राजद ने कड़ी निंदा की है, लेकिन जदयू और भाजपा में अभी तक खामोशी है। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने लालू यादव की सजा पर तुरत प्रतिक्रिया दी है, लेकिन गांधी की प्रतिमा तोड़ने में चुप्पी साध रखी है।
हे राम!
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) February 14, 2022
मोतिहारी शहर के एक पार्क में बापू की प्रतिमा को यूँ विखंडित कर दिया गया! pic.twitter.com/ngZemDFHOr
इधर गांधी की प्रतिमा तोड़ने के खिलाफ देशभर से आवाज उठी है। राजद ने कहा- नीतीश कुमार के भाजपाई राज में गोडसे समर्थकों के हौसले इतने बुलंद है कि मोहनदास को महात्मा गांधी बनाने वाली उनकी कर्मभूमि चंपारण में ही उनकी मूर्ति तोड़ी जा रही है। नीतीश कुमार बापू के नाम पर ढोंग करते है लेकिन ऐसे तत्वों को नहीं रोक सकते।उनके लिए कुर्सी ही प्रथम और अंतिम सत्य है
एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने कहा-हे राम! मोतिहारी शहर के एक पार्क में बापू की प्रतिमा को यूँ विखंडित कर दिया गया! संदीप कुमार ने कहा-गाँधी जी के देश मे गाँधी जी की प्रतिमा को खंडित करने वाले लोग अपनी कायरता का सबूत दे रहे है उन्हें आज भी डर लगता है सत्य और अहिंसा से।गांधी जी की प्रतिमा को तो खंडित कर सकते हो पर उनके आदर्शों, विचार और सत्य के दिखाए राह को कैसे कोई मिटा पाएगा? पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा-ये लफंगे राम का नाम भी बदनाम कर रहे हैं। मोदी हैं तो मुमकिन है।
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