राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता-विकास के प्रयासों को तेज करने की जरूरत पर बल देते हुए आज कहा कि राज्य के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण-व्यवस्था पर पूरा ध्यान देना होगा।
श्री चौहान ने राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण-व्यवस्था पर पूरा ध्यान देना होगा। उन्हें केवल जैसे-तैसे डिग्री-वितरण करनेवाले संस्थान बनकर नहीं रहना होगा।
राज्यपाल ने मगध विश्वविद्यालय (बोधगया), वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), जे. पी. विश्वविद्यालय (छपरा), बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) तथा बी. आर. अम्बेदकर विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) में विभिन्न सत्रों की लंबित परीक्षाएं को लेकर संबंधित कुलपतियों एवं परीक्षा-नियंत्रकों की बैठक राजभवन में शीघ्र आयोजित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने संबंधित कुलपतियों को पूर्व लंबित सभी परीक्षाओं को इस वर्ष के अंत तक हर हालत में सम्पन्न कराते हुए उनके परीक्षाफल अविलंब प्रकाशित करने को कहा।
श्री चौहान ने कहा कि नवसृजित पूर्णिया विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को भी दिये गये मार्गदर्शन के अनुरूप लंबित सभी परीक्षाओं के सुसंचालन में समन्वयपूर्वक प्रयास करना चाहिए, अन्यथा इसे गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों एवं उनके पैतृक विश्वविद्यालयों को समन्वय एवं पारस्परिक सहयोगपूर्वक परिसंपत्तियों एवं दायित्वों के वितरण एवं संपादन का काम प्रावधानों तथा राज्य सरकार और राज्यपाल सचिवालय से निर्गत निदेशों के अनुरूप तत्परतापूर्वक करना चाहिए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कुलाधिपति ने कहा कि राज्य में महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान करते समय निर्धारित सभी मानदंडों का अक्षरसः अनुपालन किया जाना चाहिए। निर्धारित मानदंडों और आवश्यक आधारभूत संरचना के बिना मान्यता प्रदान करने की अनुशंसा करनेवाले संबंधित कुलपतियों एवं विश्वविद्यालय-प्रशासन के विरूद्ध ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता नहीं गिरे। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं की समुचित व्यवस्था बहाल नहीं रखनेवाले तथा नियमित वर्ग-अध्यापन नहीं करनेवाले मान्यताप्राप्त महाविद्यालय यदि बंद भी करने पड़ते हैं तो इसमें हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों की गतिविधियों की सतत समीक्षा होती रहनी चाहिए।
इससे पूर्व राज्यपाल को राजभवन, राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के क्रियाकलापों की जानकारी ‘पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन’ के माध्यम से दी गई। बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, अपर सचिव विजय कुमार सहित राज्यपाल सचिवालय के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे।