यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में नवगठित United Democratic Alliance ( UDA) के नेताओं ने बिहार में बाढ़ की भयावहता पर राज्यपाल के रवैये पर चिंता व्यक्त की है.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ पीड़ित 75 लाख लोगों की पीड़ा सुनाने हम राज्यपाल से मिलने गये थे लेकिन उन्होंने हमारी टीम से मिलना गवारा नहीं किया.
इस टीम में यशवंत सिन्हा के साथ पूर्व सांसद अरुण कुमार, जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, देवेंद्र यादव, नागमणि समेत अनेक नेता मौजूद थे.
इस अवसर पर अशफाक रहमान ने कहा कि बिहार सरकार बेखबर नींद में सोयी है और राज्य के 75 लाख लोग सड़कों पर जाग कर रात गुजार रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है कि वह बाढ़ पीड़ितों को सहयाता पहुंचा रही है.
यशवंत सिन्हा ने इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झंझारपुर के बाढ़ग्रस्त इलाके को राज्यसराकर ने बाढ़ग्रस्त नहीं माना जिसके कारण वहां के लोगों को राहत सामग्री से वंचित होना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि यहां पटना में कोरोना संकट से जो लोग सोशल डिस्टेंसिंग की बात करते हैं उन्हें बाढ़ग्रस्त इलाकों में देखना चाहिए कि किस तरह लोग थोड़ी सगह में ठूस ठूस कर भरे हैं जिससे बाढ़ के साथ कोरोना का खतरा भी मडरा रहा है.
गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं और वह वाजेपेयी मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रह चुके हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से भाजपा के साम्प्रदायिक एजेंडे और भ्रष्टाचार के कारण तीसरे मोर्चे का गठन किया है. इस मोर्चे में गैर एनडीए और गैर महागठबंधन दलों के अनेक नेता शामिल हैं.