उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि जीएसटी प्रणाली में रजिस्ट्रेशन के लिए टर्न-ओवर की निर्धारित सीमा 20 लाख रूपये से बढ़ाकर 40 लाख रूपये कर दी गई है। इसके अलावा, जीएसटी प्रणाली लागू होने के पूर्व वर्ष 2017-2018 में प्रथम तिमाही में लागू वैट के लिए दाखिल त्रैमासिक विवरणी को वार्षिक विवरणी मान लिया जायेगा।
नौकरशाही डेस्क
विलंब फीस से मिलेगा राहत
उन्होंने बताया कि माह जुलाई, 2017 से माह सितम्बर, 2018 तक की विवरणियाँ 31 मार्च, 2019 तक दाखिल किये जाने पर विलंब फीस से छूट प्रदान की गई है। सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में वर्ष 2019-20 के बजट के पूर्व तृतीय बैठक का आयोजन पुराना सचिवालय के सभागार किया गया, जहां उन्होंने ये जानकारी दी। बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वैट के तहत लम्बित कर (Tax demand) के मामले के निष्पादन हेतु एक योजना शीघ्र ही शुरू होगी। Compounding Scheme के तहत आने वाले करदाताओं के लिए Gross Turn Over की अधिकतम सीमा भी 1 करोड़ रूपये से बढ़ा कर 1.5 करोड़ रूपये कर दिया गया है। उन्हें त्रैमासिक विवरणी के स्थान पर वार्षिक विवरणी दाखिल करने की सुविधा प्रदान की गई है।
Read This : NDA ने कर दी घोषणा: 3 मार्च को होगा चुनावी संखनाद, पीएम, सीएम समेत सभी दिग्गज रहेंगे मौजूद
बिना रिर्टन टैक्स नहीं होगा जमा
मोदी ने बताया कि 50 लाख रूपये तक सालाना कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता को भी इस योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है। करदाताओं को राज्य के अंदर एक पैन पर एक से ज्यादा निबंधन लिये जाने का प्रावधान किया गया है। परंतु बिना रिर्टन दाखिल किये टैक्स जमा नहीं होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 अक्टूबर, 2018 से डीजल की दरों को 26 प्रतिशत से घटा कर 22.20 प्रतिशत एवं पेट्रोल की दर को 19 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
Read This : रेलवे होटल मामले में में लालू, राबड़ी तेजस्वी को बड़ी राहत, मिल गयी जमानत
289755 हैं नियमित करदाता
उन्होंने कहा कि बिहार में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित 3,88,259 व्यवसायियों में 1,68,205 वैट से माईग्रेटेड एवं 220054 नया निबंधन लेने वाले शामिल हैं। बिहार में 98000 Composition एवं 289755 नियमित करदाता है।
See This : [tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab][/tab][/tabs]
उद्योग, व्यवसाय एवं परिवहन प्रक्षेत्र के प्रतिनिधियों ने पर्यटन, भंडारण और चाय पत्ती के लिए अलग नीति बनाने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को बैंकों से ऋण लेने हेतु मार्जिन मनी में राज्य सरकार द्वारा अनुदान देने, पेशा कर को समाप्त करने, बिजली के वाहन हेतु नई नीति लाने तथा उनके निबंधन शुल्क में 50 प्रतिशत की रियायत देने आदि सुझाव दिये।