एक समय जिस गुजरात में महात्मा गांधी ने सत्य के प्रयोग किए थे, वही गुजरात आज हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक राजनीति की प्रयोगशाला बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की राजनीति का गढ़ बन गया है। अब उसी गुजरात में आज कांग्रेस के तमाम दिग्गज जुटे हैं। कांग्रेस कार्य समिति की विस्तारित बैठक शुरू हुई, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व के साथ सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सभी सीएलपी लीडर तथा विभिन्न विभागों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। कल कांग्रेस का अखिल भारतीय अधिवेशन शुरू होगा।
याद रहे इसी गुजरात में राहुल गांधी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस में भाजपा के लिए काम करने वाले लोग हैं। उन्हें पहचान कर बाहर किया जाएगा। कांग्रेस को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो 30-40 नेताओं को पार्टी से निकाल बाहर किया जाएगा। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कांग्रेस राहुल गांधी की उस घोषणा पर किस प्रकार अमल करता है।
कांग्रेस ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित करके गुजरात को फिर से गांधी-पटेल का गुजरात बनाने का संकल्प लिया। कहा कि महात्मा गांधी जी और सरदार पटेल जी जिन मूल्यों के लिए खड़े रहे, उन मूल्यों पर आधारित भारत का निर्माण हो, यही हमारा संकल्प है। इस देश में जो भी अन्याय का शिकार हैं, उन सभी को न्याय मिले। ऐसे न्याय पथ का निर्माण करने का काम कांग्रेस कर रही है। संकल्प और संघर्ष की भावना के साथ हम आगे बढ़ेंगे।
आज सरदार वल्लभभाई पटेल जी को लेकर एक विशेष प्रस्ताव पर चर्चा हुई और वो पारित हुआ। कल दो और प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिनमें एक राष्ट्रीय मुद्दों पर और दूसरा गुजरात के मुद्दों व राजनीतिक स्थिति से जुड़े होंगे। कांग्रेस पार्टी के 140 साल के इतिहास में छठवीं बार कांग्रेस की बैठक गुजरात में हो रही है। जब हम सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती मना रहे हैं तो सरदार पटेल जी के स्मारक में विस्तारित CWC बैठक को आयोजित करना हमारा कर्तव्य था।