गुजरात-उप्र की राह पर बिहार, एक दिन में 6133 कोरोना पॉजिटिव
गुजरात-उत्तर प्रदेश की राह पर बिहार दिख रहा है। आज यहां रिकॉर्ड 6133 कोरोना पॉजिटिव केस आए। इस बीच अब सरकार पर मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप लगने लगे।
बिहार की स्थिति अब गुजरात और उत्तर प्रदेश की तरह भयावह हो चली है। आज रिकॉर्ड 6133 नए कोरोना मरीज हो गए। कोविड-19 एक साल से है, पर इस दौरान सरकार ने क्या तैयारी की, वह बताने की जरूरत नहीं। हालांकि सरकार अब भी कह रही है कि स्थिति नियंत्रण में है।
आज पटना में भी रिकॉर्ड 2105 कोरोना पॉजिटिव केस मिले। भागलपुर में 601 और गया में 431 नए कोरोना मरीज मिले। औरंगाबाद में 165, बेगूसराय में 174, जहानाबाद में 131,मुंगेर में 147, मुजफ्फरपुर में 265, नालंदा में 109, रोहतास में 197, सहरसा में 112, सारण में 171, सिवान में 123, वैशाली में 105 और प. चंपारण में 143 नए कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं।
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बिहार में जिस तेजी से कोरोना फैल रहा है, उससे निपटने की सरकार ने एक साल में कोई तैयारी नहीं की। प्राइवेट अस्पतालों में किस तरह इलाज हो रहा है, कितना अधिकतम बिल होना चाहिए, इस पर सरकार का पहले भी कोई नियंत्रण नहीं था, आज भी नहीं है। इससे मरीज लुटने को विवश हैं। इस अव्यवस्था का अंत कहां होगा, इसे कोई नहीं जनता, जबकि बिहार में उसी गठबंधन की सरकार है, जिसकी केंद्र में सरकार है।
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उधर, सरकार पर कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप भी लगने लगे हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड से मरनेवालों के दाह संस्कार वाले स्थल को टीन से घेरने के चित्र के साथ ट्विट किया- उप्र सरकार से एक निवेदन है। अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छुपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है। महामारी को रोकने, जालों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए। यही वक्त की पुकार है।
इस बीच प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कोविड की भयावह स्थिति के मद्देनजर बंगाल में शेष चार चरणों के चुनाव एक ही चचरण में कराने की मांग की है।