केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी सरगना हाफिज मोहम्मद सईद, मौलाना मसूद अजहर, जकी उर रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम कास्कर को गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया है।
गृह मंत्रालय ने आज एक अधिसूचना जारी कर इन चारों को व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित किया है। यह कानून बनने के बाद किसी आतंकी संगठन से जुड़े लोगों को व्यक्तिगत तौर पर पहली बार आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया है। इन सब पर भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों में शामिल होने तथा उनकी साजिश रचने का आरोप है। विभिन्न जांच एजेन्सियों ने चारों आतंकवादियों के खिलाफ पहले ही रेड कार्नर नोटिस जारी कर चुकी हैं।
सरकार ने गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित करने के लिए हाल ही में संसद में विधेयक पारित कर यह कानून बनाया था। पुराने कानून में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित कर उन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता था। अब नये कानून में इन संगठनों को चलाने वाले और उनके लिए काम करने वाले लोगों को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा।
अधिूसचना में कहा गया है इन सभी के नाम कानून की चौथी अनुसूची में शामिल किये गये हैं। इस सूची में पहले नम्बर पर मसूद अजहर, दूसरे पर हाफिज सईद , तीसरे पर लखवी और चौथे पर दाऊद इब्राहिम का नाम रखा गया है।
मसूद अजहर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का संस्थापक और प्रमुख है। उसे गत मई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। उस पर देश में पुलवामा हमले सहित विभिन्न जगहों पर पांच बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप है।
हाफिज सईद प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा का संस्थापन और मुखिया है। उसे वर्ष 2008 में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया था। उस पर मुंबई आतंकवादी हमले सहित चार बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप है।