हजारों करोड़ के टेंडर में किसने रूपेश से लिया पैसा
जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने रूपेश हत्याकांड में सरकार से मांग की है कि जिस नेता ने रूपेश से करोड़ों रूपए लिये उसका नाम सार्वजनिक किया जाए।
रुपेश सिंह हत्याकांड की जांच को लेकर जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि एसआईटी आज तक कुछ पता नहीं लगा पाई है। रूपेश के मर्डर में बड़े-बड़े लोगों का हाथ है। हत्या के पीछे गहरी साजिश है। सरकार असली गुनहगारों के बचा रही है। रूपेश सिंह के मोबाइल से मिली जानकारी को जनता के समक्ष रखा जाए। किस पूर्व मंत्री ने 2000 करोड़ के टेंडर में रुपेश से पैसा लिया, उसका नाम भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ आइएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत पर सवाल खड़े करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि प्रत्यय अमृत ने सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर पांच महिलाओं को विदेश भेजा। क्या सरकार के पास कोई कुबेर का खजाना है, जिस कारण जनता के पैसों को बर्बाद किया गया। विदेश जाने वाली पांच महिलाओं में से एक अंजलि आनंद की मौत एक वर्ष पूर्व हुई, जिसे आत्महत्या कहा गया था, लेकिन उसकी कभी जांच नहीं हुई और बिना पंचनामे के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौत की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि रुपेश की हत्या के राज को खोलने के लिए परत-दर-परत जांच होनी जरूरी है।
जाप अध्यक्ष ने आगे कहा कि 2018 और 2019 में दरभंगा में नहर का जो टेंडर हुआ, क्या उसमें रुपेश की हत्या का राज छिपा है? रुपेश की हत्या के तार बिजली, सिंचाई और पीएचईडी विभाग से जुड़े हुए हैं। एक आइएएस अधिकारी जो अभी पीएचईडी विभाग में हैं और पहले बिजली विभाग में थे, उनकी भूमिका भी संदिग्ध है। बिजली विभाग के बड़े-बड़े टेंडरों में रूपेश के माध्यम से पैसों का लेनदेन हुआ।
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कटिहार के जिलाधिकारी का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि कटिहार में जितने हथियार के लाइसेंस दिए गए, उन सभी के अस्थायी निवास अफसर कॉलोनी में ही कैसे? इनमें से कई आपराधिक प्रवृति के लोग हैं, जिनमें अमरजीत राय, पंकज सिंह, मनीष सिंह शामिल हैं। इनके मोबाइल के लोकेशन के माध्यम से यह पता लगाया जाना चाहिए कि वे कटिहार में कितने दिन रहे हैं? इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि छह लाख रुपए लेकर अपराधियों को लाइसेंस दिया गया।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि तेजश्वी यादव कभी किसी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं जाते लेकिन रुपेश सिंह जैसे हाई प्रोफाइल मर्डर में पांच दिनों के बाद उनकी नींद खुल गई. बिहार में हर रोज 40 हत्याएं और एक दर्जन बलात्कार होते हैं. इन्हें सिर्फ बड़े लोगों से मतलब है, आम आदमी की कोई चिंता नहीं है.